Щоб переглянути інші типи публікацій з цієї теми, перейдіть за посиланням: हिंदी शिक्षण.

Статті в журналах з теми "हिंदी शिक्षण"

Оформте джерело за APA, MLA, Chicago, Harvard та іншими стилями

Оберіть тип джерела:

Ознайомтеся з топ-50 статей у журналах для дослідження на тему "हिंदी शिक्षण".

Біля кожної праці в переліку літератури доступна кнопка «Додати до бібліографії». Скористайтеся нею – і ми автоматично оформимо бібліографічне посилання на обрану працю в потрібному вам стилі цитування: APA, MLA, «Гарвард», «Чикаго», «Ванкувер» тощо.

Також ви можете завантажити повний текст наукової публікації у форматі «.pdf» та прочитати онлайн анотацію до роботи, якщо відповідні параметри наявні в метаданих.

Переглядайте статті в журналах для різних дисциплін та оформлюйте правильно вашу бібліографію.

1

चरनजीत, कौर. "आधुनिक परिवारो म ें रसोई उघान क े प ्रति अभिव ृत्तिया ं ज्ञान एवं व्यवहार का अध्ययन". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–4. https://doi.org/10.5281/zenodo.574867.

Повний текст джерела
Анотація:
भारत द ेश में वर्त मान म ें पर्या वरण प ्रद ूषण एक विकट समस्या हैं। जिसके स ुधार में गृह वाटिका का महत्वप ूर्ण योगदान हो सकता हैं। घनी वस्तियों तथा औद्योगिक क्षेत्रों म ें भी ग ृहवाटिका की विश् ेाष भ ूमिका ह ैं। यदि घर के सामन े पेड पौधे लग े हों तो घर के अंदर धूलमिट ्टी नहीं आती तथा स्वच्छ हवा का आवागमन बना रहता है। इसमें घर की रसोई से निकलन े वाले व्यर्थ पदार्थो का उपयोग खाद के रूप में किया जा सकता ह ै। यह एक छोटी उत्पादन इकाई के रूप में भी हो सकती ह ै। इन्ही तत्थ्यों का े ध्यान में रखकर गृहवाटिका एक प्रयोगशाला प्रतीत होती है, जहां व्यक्ति उद्यानषास्त्री न होत े हुए भी राष्ट ृ्र् ीय विकास एव
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
2

हरीश, केशरवानी. "खेती के नये आयामः समझा ैता क ृषि". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–4. https://doi.org/10.5281/zenodo.883533.

Повний текст джерела
Анотація:
बढ ़ती जनसंख्या, बदलती जीवन शैली, कृषिगत उत्पादों का व्यवासायीकरण क े साथ साथ मौसमी परिवर्तनशीलता, उत्पादन प्रवृत्ति मे बदलाव और कृषिगत विषमता के परिणाम स्वरूप सबस े प्रमुख म ुददा कृषि के सुधार और विकास का ह ै। मानव अपन े विकास की चाहे जो सीमा निर्धारित कर ले पर ंत ु उसकी उदरप ूर्ति जमीन से उगे आनाज या उसके प्रसंस्करण स े ही होगी। कृषि के संदर्भ मे तमाम प्रकार के बदलावों क े परिणाम स्वरूप कृषि प ्रणाली मे भी बदलाव द ेखे जा सकत े हैं। साथ ही विश्व की जनसंख्या त ेजी के साथ बढ ़ रही ह ै तथा भारत के संदर्भ मे यह तथ्य है कि यह विश्व की द ूसरी सर्वाधिक जन ंख्या वाला द ेश है जा े 2030 तक यह चीन का े
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
3

र, ंजना शर्मा (व्यास). "्राक ृतिक संसाधनों क े संरक्षण म ें समाज की भ ूमिका पर्यावरणीय चेतना और सामाजिक, औषधीय मूल्य". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883545.

Повний текст джерела
Анотація:
विश्व प्रकृति निधि भारत का हमेशा ही यह उद ्द ेश्य रहा है कि हम प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण क े साथ दीर्घकालिक तथा न्याय संगत विकास करन े में सहभागी बन ें।1 जब तक हमार े पर्यावरण में बाह्य पदार्थ आकर मिलत े ह ैं संद ृषण होता ह ै। प ्रारम्भ में यह अल्प मात्रा में हा ेता है, जिससे एक स्तर तक मन ुष्य को कोई हानि नहीं पहुँचती तब तक यह संद ूषण की श्रेणी मे ं, ल ेकिन जैस े ही इस सीमा का उल्ल ंघन होता है तो यह द ूषण संद ूषण न रहकर प ्रद ूषण बन जाता है। हिन्द ू धर्म ग्रन्थ ‘‘वाराह पुराण’’ में लिखा है कि वृक्षो ं के उपकार पाँच महायज्ञ है ं। व े ग्रहस्थों को ईंधन पथिका ें को छाया तथा विश्राम, पक्षिया ें
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
4

आभा, दीक्षित. "'अक्षय उर्जा' का उपयोग आर्थिक विकास और पर्यावरण विकास दोना ें क े लिए आवष्यक". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (special Edition) (2017): 1–5. https://doi.org/10.5281/zenodo.580642.

Повний текст джерела
Анотація:
आधारभ ूत संरचना क े बिना र्कोइ भी अर्थव्यवस्था विकसित नही हो सकती ह ै। उर्जा एक महत्वप ूर्ण आधारभूत संरचना ह ै, जा े विकास का े गति प्रदान करता है, क्योकि सभी क्षेत्रों कृषि, उद्या ेग, परिवहन आदि में उर्जा संसाधनों की आवष्यकता पड ़ती ह ै। यहाॅ तक कि किसी द ेश क े आर्थिक विकास का अन ुमान उस द ेश में उर्जा-संसाधनों की प ्रति व्यक्ति खपत से लगाया जाता ह ै आ ैर माना जाता ह ै कि जिस द ेष में उर्जा की प्रति व्यक्ति खपत जितनी अधिक होगी उस द ेष म ें प ्रति व्यक्ति आय भी उतनी ही अधिक होगी । भारत में विश्व की 16 प ्रतिषत जनसंख्या निवास करती है। ल ेकिन यहाॅ पर कुल विश्व खपत की 1.5 प ्रतिशत उर्जा ही खर्च
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
5

तिवारी, रोली, та चित्रल ेखा वमा. "व्हाट्सएप पर साझा की जाने वाली शैक्षणिक जानकारियो की प्रकृति का अध्ययन". Mind and Society 9, № 03-04 (2020): 23–30. http://dx.doi.org/10.56011/mind-mri-93-4-20213.

Повний текст джерела
Анотація:
प्रस्त ुत अध्ययन म ें ”व्हाट ्सएप पर साझा की जान े वाली श ैक्षणिक जानकारिया े ं की प्रक ृति का अध्ययन छात्राध्यापका ें क े विश ेष स ंदर्भ म ें” किया गया। क ुल 200 छात्राध्यापकों (100 प ुरूष छात्राध्यापक ए ंव 100 महिला छात्राध्यापिकाआ े ं) का चयन सा ेद्द ेश्य न्यादश र् विधि द्वारा किया गया। शा ेध उपकरण क े रूप में आकड ़ें संग ्रहण करने क े लिय े स्मा र्टफोन म ें प्रय ुक्त व्हाट ्सएप म ैस े ंजर क े माध्यम स े स्क्रीनशा ॅट, छवि (इम ेज) प्रक्रिया का े लिया गया। सा ंख्यिकी विश्ल ेषण ह ेत ु प्रतिशत द्वारा परिकल्पनाओ ं की साथ र्कता की जा ंच की गयी। निष्कष र् म े ं यह पाया गया कि छात्राध्यापका े ं द्व
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
6

राकेश, कवच े. किरण बड ेरिया आलोक गोयल. "''रेडिया ेधर्मी प्रदूषण का बढ ़ता दायरा'' मानव क े लिए अभिषाप". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883000.

Повний текст джерела
Анотація:
पर्यावरण प्रद ूषण एक ए ेसी सामयिक समस्या है जिसमें मानव सहित जैव जगत ् क े लिए जीवन की कठिनाईया ँ बढ ़ती जा रही हैं। पर्यावरण के तत्त्वो ं में गुणात्मक ह ्रास के कारण जीवनदायी तत्त्व यथा वायु, जल, मृदा, वनस्पति आदि के न ैसर्गिक गुण ह्रसमान होत े जा रहे हैं जिससे प्रकृति और जीवों का आपसी सम्बन्ध बिगड ़ता जा रहा ह ै। यह सर्व ज्ञात है कि पर्यावरण प्रद ूषण आध ुनिकता की द ेन है। वैसे प्रद ूषण की घटना प्राचीनकाल में भी हा ेती रही ह ै लेकिन प्रकृति इसका निवारण करन े में सक्षम थी, जिससे इसका प्रकोप उतना भयंकर नहीं था, जितना आज है। च ूँकि आज प ्रद ूषण की मात्रा प ्रकृति की सहनसीमा को लाँघ गई ह ै फलतः इ
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
7

क, ुमक ुम भारद्वाज. "''किशनगढ़ श्©ली का पर्यावरण-प्रकृति चित्र्ाण की सांस्कृतिक परम्परा''". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.882061.

Повний текст джерела
Анотація:
‘‘राजस्थान की किशनगढ ़ श्©ली के चित्र्ा प्रकृति क¨ संरक्षित करके पर्यावरण जागरुकता क¨ आज के परिव ेश में प्रदर्शित करत े हैं। चित्र्ा¨ ं में वनस्पति, जल, वायु तीन¨ं पर्यावरणीय घटक प्रचुर मात्र्ाा में चित्र्ाित ह ैं। पर्यावरण में प्रकृति चित्र्ाण के साथ अध्यात्म दर्शन की सांस्कृतिक परम्परा क¨ ज¨ड ़ा गया ह ै। हरियालीमय सुरम्य वातावरण चित्र्ा¨ं मंे प्रकृति चित्र्ाण की सांस्कृतिक थाती पर्यावरण प्रद ूषित ह¨न े से बचान े का सन्द ेश जन-जन तक पहुँचाती प्रतीत ह¨ती है, ज¨ एक सकारात्मक प्रयास है। पर्यावरण का तात्पर्य समस्त ब्रह्माण्ड के न ैतिक एव ं जैविक व्यवस्था से ह ै, जिसके अंतर्गत समस्त जीवधारी ह¨त े
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
8

वन्दना, अग्निहोत्री. "नदिया ें म ें प्रद ूषण और हम". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–4. https://doi.org/10.5281/zenodo.883519.

Повний текст джерела
Анотація:
जल को बचाए रखना सभी की चिन्ता का विषय ह ै, व ैज्ञानिक राजन ेता, ब ुद्धिजीवी, रचनाकार सभी की चिन्ता है, जल कैस े बचे ? द ुनियाँ को अर्थात पृथ्वी को वृक्षों को, जंगलो को, पहाड ़ों को, हवा को, पानी को बचाना है। पानी का े बचाया जाना बह ुत जरूरी ह ै। पृथ्वी बच सकती ह ै, वृक्ष ज ंगल, पहाड ़ और मन ुष्य, पषु, पक्षी सब बच सकत े ह ै, यदि पानी को बचा लिया गया और पानी प ृथ्वी पर है ही कितना? पृथ्वी पर उपलब्ध सार े पानी का 97ण्4ः पानी सम ुद ्र का खारा जल है, जो पीन े लायक नही ह ै, 1ण्8ः जल ध ु्रवा ें पर बर्फ के रूप म ें विद्यमान है और पीन े लायक मीठा पानी क ेवल 0ण्8ः ह ै जो निर ंतर प्रद ूषित हा ेता जा रहा
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
9

वीणा, अत्र े. "पर्यावरण प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर बढ़ता दुष्प्रभाव: एक अध्ययन". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.803454.

Повний текст джерела
Анотація:
पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य का अत्यंत घनिष्ठ सम्बन्ध है। आज औद्योगीकरण के दौर मे ं पर्यावरण ही द ूषित है तो स्वच्छ भोजन पानी एव ं वायु की कल्पना क ैसे ही जा सकती है। इसके फलस्वरूप मन ुष्य में अन ेक रोगा े ं का जन्म होता है। पर्यावरण क े म ुख्य तत्व भूमि, जल, वायु, वनस्पति एवं प्राणी सम ूह है। जल एव ं स्वास्थ्य: कल कारखाना ें का द ूषित जल नदी नालों म ें मिलकर अत्यधिक जल प्रद ूषित करता ह ै। प्रद ूषित जल पीन े से त्वचा रा ेग, पोलियो, पीलिया, टाईफाईड, बुखार, प ेचिस, अतिसार, कृमि ल ेप्टा ेस्पाईस, कंेसर, द ंतक्षय, फ्लूओरोसिस, गर्भपात, मंद विकास जैसी बीमारियों का े जन्म द ेत े हैं। प ेयजल में क्लोराइड
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
10

मिश्रा, आ. ंनद म. ुर्ति, प्रीति मिश्रा та शारदा द ेवा ंगन. "भतरा जनजाति में जन्म संस्कार का मानवशास्त्रीय अध्ययन". Mind and Society 9, № 03-04 (2020): 39–43. http://dx.doi.org/10.56011/mind-mri-93-4-20215.

Повний текст джерела
Анотація:
स ंस्कार शब्द का अर्थ ह ै श ुद्धिकरण। जीवात्मा जब एक शरीर का े त्याग कर द ुसर े शरीर म ें जन्म ल ेता है ता े उसक े प ुर्व जन्म क े प ्रभाव उसक े साथ जात े ह ैं। स ंस्कारा े क े दा े रूप हा ेत े ह ैं - एक आंतरिक रूप आ ैर द ूसरा बाह्य रूप। बाह ्य रूप का नाम रीतिरिवाज ह ै जा े आंतरिक रूप की रक्षा करता है। स ंस्कार का अभिप्राय उन धार्मि क क ृत्या ें स े ह ै जा े किसी व्यक्ति का े अपन े सम ुदाय का प ुर्ण रूप स े योग्य सदस्य बनान े क े उदद ्ेश्य स े उसक े शरीर मन मस्तिष्क का े पवित्र करन े क े लिए किए जात े ह ै। सभी समाज क े अपन े विश ेष रीतिविाज हा ेत े ह ै, जिसक े कारण इनकी अपनी विश ेष पहचान ह ै,
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
11

स, ुधा शाक्य. "वर्तमान पर्यावरणीय समस्याएं एव ं सुझाव". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883040.

Повний текст джерела
Анотація:
भारत में प ्राचीन काल से ही प्रकृति एव ं पर्यावरण का अट ूट संब ंध रहा है, और धार्मिक ग ्रंथा ें में प्रकृति को जा े स्थान प्राप्त है वह अत ुलनीय है। प्रक ृति की सुरक्षा के लिये हमारी संस्कृति में अन ेक प्रयास किये गये, सामान्य जन को प्रकृति से जोड ़े रखन े के लिये उसकी रक्षा, प ूजन, विधान, संस्कार आदि को धर्म से जोड ़ा गया। गा ै एव ं अन्य जानवरो ं का प ूजन व ंश रक्षा के लिये तथा विभिन्न नदियों, प ेड ़ों, पर्व तों का प ूजन उसकी सुरक्षा और अस्तित्व को बनान े क े लिये अति आवश्यक हा े गया था। पर ंत ु जैसे समय व्यतीत होता गया व्यक्तियों की विचारधारा, सोच, अभिव ृत्ति, आस्था, भावों में परिवर्त न होता
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
12

ख ुट, डिश्वर नाथ. "बस्तर का नलवंश एक ऐतिहासिक पुनरावलोकन". Mind and Society 9, № 03-04 (2020): 47–52. http://dx.doi.org/10.56011/mind-mri-93-4-20217.

Повний текст джерела
Анотація:
सभ्यता का विकास पाषाण काल स े प ्रार ंभ हा ेता ह ै। इस काल म ें बस्तर म े रहन े वाल े मानव भी पत्थर क े न ुकील े आ ैजार बनाकर नदी नाल े आ ैर ग ुफाआ ें म ें रहत े थ े। इसका प ्रमाण इन्द ्रावती आ ैर नार ंगी नदी के किनार े उपलब्ध उपकरणों स े हा ेता है। व ैदिक युग म ें बस्तर दक्षिणापथ म ें शामिल था। रामायण काल म ें दण्डकारण्य का े उल्ल ेख मिलता ह ै। मा ैर्य व ंश क े महान शासक अशा ेक न े कलि ंग (उड ़ीसा) पर आक्रमण किया था, इस य ुद्ध म ें दण्डकारण्य क े स ैनिका ें न े कलि ंग का साथ दिया था। कलि ंग विजय क े बाद भी दण्डकारण्य का राज्य अशा ेक प ्राप्त नही ं कर सका। वाकाटक शासक रूद ्रस ेन प ्रथम क े समय
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
13

Dr., Vasundhara Pawar. "राजास्थानी चित्रकला म ें र ंग स ंयोजन". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.891808.

Повний текст джерела
Анотація:
‘‘पर्व ता ें में सुमेरु, पक्षियों में गरुण, व्यक्तिया ें में राजा श्र ेष्ठ ह ै, व ैसे ही कलाओं में ‘‘चित्रकला‘‘ श्र ेष्ठ मानी गई है।‘‘ मानव की अनुभूतिया ें की अभिभक्ति का नाम कला ह ै। कुमार स्वामी ने काहा ह ै कि कला केवल भावों का प ्रदर्शन ही नही करती अपितु अध्यात्मिक सन्देश की वाहक भी ह ै। कला‘ शब्द का उल्लेख ऋग्व ेद के आठवें मण्डल मे मिलता ह ै। महाजनपद काल तक 64 कलाओं की गणना प्रारम्भ हो चुकी थी। भारतीय चित्रकला का स्वरूप जितना प्रशस्त ह ै, उतना ही इसका इतिहास प ुरातन है। भारत मे चित्रकला क े प्राचिन्तम नमूने प ्रागैतिहासिक शैल चित्रा े मे मिलते ह ै। जिनमें मिर्जा पुर, भीमव ेटिका तथा बाघ की
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
14

चा ैहान, ज. ुवान सि ंह. "प ्रवासी जनजातीय श्रमिका ें की प ्रवास स्थल पर काय र् एव ं दशाआ ें का समाज शास्त्रीय अध्ययन". Mind and Society 8, № 03-04 (2019): 38–44. http://dx.doi.org/10.56011/mind-mri-83-4-20196.

Повний текст джерела
Анотація:
भारत म ें प ्रवास की प ्रक्रिया काफी लम्ब े समय स े किसी न किसी व्यवसाय या रा ेजगार की प ्राप्ति ह ेत ु गतिशील रही ह ै आ ैर यह प ्रक्रिया आज भी ग ्रामीण जनजातीय सम ुदाय म ें गतिशील दिखाइ र् द े रही ं ह ै। प ्रवास की इस गतिशीलता का े रा ेकन े क े लिए क ेन्द ्र तथा राज्य सरकार न े मनर ेगा क े तहत ् प ्रधानम ंत्री सड ़क या ेजना, स्वण र् ग ्राम स्वरा ेजगार या ेजना ज ैसी सरकारी या ेजनाआ े ं का े लाग ू किया ह ै, ल ेकिन फिर ग ्रामीण जनजातीय ला ेगा े ं क े आथि र्क विकास म े ं उसका असर नही ं दिखाइ र् द े रहा ह ै। ग ्रामीण जनजातीय सम ुदाया ें म े ं निवास करन े वाल े अधिका ंश अशिक्षित हा ेन े क े कारण शा
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
15

सविता, क. ेशरवानी. "मध्य प्रदेश क े नगरा ें म े पर्यावरणीय समस्यायंे". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–4. https://doi.org/10.5281/zenodo.883547.

Повний текст джерела
Анотація:
भौगोलिक द ृष्टि से मध्य प्रद ेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जिसकी क ुल जनसंख्या 7 करोड़ 25 लाख है तथा नगरीय जनसंख्या 20069806 है मध्य प्रदेश मे नगरीकरण अन ुपात 27.63ः है। जो राष्ट्रीय अन ुपात से कम है। पर ंतु क ुल नगरीय जनसंख्या की द ृष्टि से भारत क े कई राज्यों की क ुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। वर्तमान मे मध्य प्रद ेश मे प्रशासनिक रूप से 51 जिलों मे क ुल 242 तहसील तथा 313 विकासखण्डों मे विभक्त है। राज्य के 14 जिलों मे नगर निगम है तथा क ुल नगरो की संख्या 476 है। मध्य प्रदेश मे 4 महानगरों की जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा है तथा 28 नगर ऐसे हैं जिनकी कुल जनसंख्या 1 लाख से 10 लाख क े बीच है। ज्ञा
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
16

मंज, ू. गा ैतम. "र ंग आ ैर राग का समन्वयः काँगड़ा चित्रा ें क े संदर्भ में". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.889215.

Повний текст джерела
Анотація:
काँगड़ा चित्रकला में संगीत व चित्रकला का अद्भूत समन्वय संसार भर की कलाआंे मंे एक अद्वितीय उपलब्धि ह ै यही कारण ह ै कि काँगड़ा चित्रकला का े कला विद्वाना ें ने समस्त पहाड़ी चित्रकला का पर्याय भी माना है। काँगड़ा चित्रश ैली में निर्मित चित्रो की रंग या ेजना अनूठी ह ै ए ेसा प्रतीत होता ह ै कि काँगड़ा का समस्त प ्रकृति सा ैन्दर्य कलाकार ने रंग व रेखाओं क े माध्यम स े चित्रा ें में भर दिया। विषया ें की विविधता इस श ैली का गुण ह ै। यहाँ क े कलाकार ने साहित्य एव ं काव्य के साथ संगीत की अमूर्त, तथा ध्वन्यात्मक विषय वस्तु का े भी रंग एव ं रेखाओं द्वारा साकार रूप प ्रदान किया जो कि विश्व की किसी अन्य कल
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
17

डा, ॅ. रेखा श्रीवास्तव. "स् ंाप्र ेषण में र ंगा ें की अठखेलियां". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.888788.

Повний текст джерела
Анотація:
व्यक्ति की अभिव्यक्ति बचपन से लेकर जवानी फिर अधेड़ अवस्था तक के सफर में, विभिन्न रूप लेती है। इस यात्रा में बह ुत सारे तत्व अपने विकास के दौरान घ ुसप ैठ करते ह ै ं आ ैर यह एक तरह का आभार है। जो सिर्फ मनुष्य के जीवन में ही नहीं घटता बल्कि कलाकार की अभिव्यक्ति में भी लक्षित हा ेता ह ै। जहा ं हर व्यक्ति अपनी विचार धाराओं क े अनुरूप खुद का े खोजता, व्यक्त करता ह ै। खुद क े मापदण्डा ें क े अनुसार अपनी मूल्य दृष्टि विकसित करता ह ै। परन्तु इस अवस्था तक पह ुचने क े लिय े , व्यक्ति का े लगातार अतिष्य का त्याग और हर रूप में मौज ूदा वक्त में जीना हा ेता ह ै। एक चित्रकार क े लिये कैनवास के तात्विक स ंया े
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
18

साधना, राज. "वर्तमान समय की सामाजिक आवश्यक्ता संगीत चिकित्सा". International Journal of Research – Granthaalayah Innovation in Music & Dance, January,2015 (2017): 1–4. https://doi.org/10.5281/zenodo.884736.

Повний текст джерела
Анотація:
अर्था त् गान, वाद्य आ ैर नृत्य तीनों का संगीत में अ ंतर्भा व हो गया ह ै। संसार में सभी जातिया ें में युद्ध उत्सव आ ैर प्रार्थ ना क े समय मानव संगीत का उपया ेग करता ह ै। इसमें फँूक कर बजाने वाले वाद्य (सुषिर) जिसमें बाँसुरी, अलगा ेजा, षहर्नाइ , तूर, तुरही, सिंगी षंख, सम्मिलित ह ै, तार या ताँत क े वाद्य (तत्), में वीणा, सितार, सरा ेद व सारंगी का उपया ेग होता ह ै और चमड़े से मढ़े ह ुए ठोंककर बजाने वाले वाद्य (अवनद्ध या आनद्ध) में मृदंग, मर्दल, दुंदुभि, ढोलक, डफ, सम्मिलित ह ै। भारत में भी संगीत की समृद्ध परम्परा रही ह ै। कुछ ही देशों में संगीत की इतनी पुरानी एवं समृद्ध परम्परा पायी र्गइ है। भारतीय
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
19

प्रज्ञा, पाण्ड ेय गरिमा यादव. "स्वच्छताः भारत की चुनौती". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883539.

Повний текст джерела
Анотація:
किसी भी द ेश की उन्नति का आधार स्वच्छता व स्वास्थ्य है। स्वच्छ पर्यावरण ही किसी भी समुदाय की स्वास्थ्य स्थिति को ऊंचा उठान े में सहायक है। स्वच्छ पर्यावरण सम ुदाय क े लोगा ें के जीवन स्तर को सुधारन े में सहायक हो सकता है। साथ ही वह समुदाय मं े रोगों के चक्र को तोड ़न े में भी सक्षम ह ै। सरकार व आम जनता के प्रयास व सहभागिता द्वारा विभिन्न संसाधनों का प्रया ेग किया जा रहा ह ै आ ैर ब ेहतर परिणाम हेत ु प्रयासरत हंै। इसके द्वारा समुदाय का सामाजिक-आर्थिक विकास, स्वच्छ पर्यावरण हेत ु संब ंधित सांस्कृतिक कारक, समुदाय की क्षमता, व्यवहार, कान ून आदि का उपया ेग ब ेहतर तरीके से हा े रहा है। भारत द ेश सम्प
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
20

अर्च, ना परमार. "पर्यावरण संरक्षण". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.883529.

Повний текст джерела
Анотація:
मानव शरीर प ंच तत्वों- प ्रथ्वी, जल, वाय ु, अग्नि आ ैर आकाश स े ही बना ह ै। य े सभी तत्व पर्या वरण के धोतक है। प ्रकृति मे मानव को अन ेक महत्वप ूर्ण प्राकृतिक सम्पदायें भी ह ै। जिसका उपयोग मन ुष्य अपन े द ैनिक जीवन में करता आया है ज ैसे- नदियाँ, पहाड ़, मैदान, सम ुद ्र, प ेड ़-पौधे, वनस्पति इत्यादि। प्रथ्वी पर प्राकृतिक संसाथनों का दोहन करन े से प्राकृतिक संसाथनो के भण्डार तीव्र गति से घटत े जा रह े है, जिससे पर्यावरण में असन्त ुलन बढ ़ रहा है। उसके परिणाम स्वरूप जल की कमी, आ ेजा ेन परत में छेद का पाया जाना, वना ें की अत्यधिक कर्टाइ से वना ें की कमी आना, सम ुद ्रों का जल स्तर बढना, ग्लेशियरों
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
21

चन्द, ्रकांता सराफ. "मानव स्वास्थ्य एवं प्रदूषण". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.803448.

Повний текст джерела
Анотація:
मानव स्वास्थ्य एक प ूर्ण शारीरिक, मानसिक आ ैर सामाजिक खुषहाली की स्थिति है। अच्छे स्वास्थ्य में शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, बा ैद्धिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक स्वास्थ्य और सामाजिक स्वास्थ्य भी शामिल है। एक व्यक्ति का े स्वस्थ तब कहां जाता है जब उसका शरीर स्वस्थ और मन साफ और शांत हो। प्रद ूषण एक प्रकार का जहर ह ै जो वायु, जल, धूल आदि के माध्यम से न केवल मन ुष्य के शरीर में प्रव ेष कर उसे रूग्ण बना द ेता है वरन ् जीव जन्त ुओं, पशुपक्षियों, प ेड ़पौधे आ ेर वनस्पतियों को भी नष्ट कर द ेता है। प्रद ूषण अन ेक भयानक बिमारिया ें को जन्म द ेता ह ै। जैसे - कैंसर, तप ेदिक, रक्तचाप, दमा, हैजा, मलेरिय
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
22

उषा, महोबिया. "मुगल चित्रकला म ें र ंग स ंया ेजन". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1. https://doi.org/10.5281/zenodo.891884.

Повний текст джерела
Анотація:
प ्राचीन समय से ही भारतीय चित्रकला का इतिहास बह ुत समृद्ध विषाल एवं विस्तृत रहा है। मुस्लिम आक्र्रमण से प ूर्व जैन, बौद्ध एवं हिन्दुओ ने चित्रकला के क्षंेत्र में अपना योग दान दिया। अज ंता चित्रकला विष्व में प ्रसिद्ध ह ै, आ ैर इन चित्रो का निर्माण गुप्त काल मे ह ुआ जिन पर प्राकृतिक रूप से बने रंगा े का प ्रयोग किया गया ह ै। मध्यकाल मे चित्रकला मै महात्वप ूर्ण परिवर्तन आये, सल्तनत काल की चित्रकला र्मै इ रानी प ्रभाव देखने को मिलता ह ै। दरबारी चित्र, वीणा, सितार, वेषभूषा, आभ ूषण आदि के चित्रा े में सजीव रंगा े का प ्रया ेग किया गया । जिनसे चित्र सजीव, जीव ंत प्रतीत होते है । आ ैर इन चित्रो में न
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
23

निखिल, जोषी. "आर्थि क विकास एव ं जल प्रदूषण तथा जल संरक्षण". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.882895.

Повний текст джерела
Анотація:
आर्थिक विकास करना मन ुष्य न े सदा से चाहा ह ै। यह भी तथ्य है कि स्वच्छ पर्यावरण के बिना मन ुष्य का जीवन अकल्पनीय ह ै। मन ुष्य और पर्यावरण क े इस रिष्त े में किसी भी हिस्से को बड ़ी चोट न केवल इस रिष्ते को खतर े म ें डाल द ेती ह ै बल्कि दोनों के अस्तित्व भी खतर े में पड ़ जात े हैं। पर्यावरण बिगड ़ेगा ता े मानव जीवन प्रभावित हा ेगा। इसका यह अर्थ नहीं ह ै कि आर्थिक विकास की कीमत पर पर्या वरण बचायें या पर्यावरण की कीमत पर आर्थिक विकास हासिल कर ें। दोनों के बीच एक संत ुलन की आवष्यकता ह ै ताकि मानव जीवन सुरक्षित बना रहे आ ैर लाभांवित भी हो। दोनों का केन्द ्र मानव ही है। प ्रकृति आ ैर मानव पृथ्वी पर
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
24

सीमा, कदम. "धरती क े ताप की दवा". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883026.

Повний текст джерела
Анотація:
आज धरती माॅ ं का द ुःख सर्वविदित है। उसे संभाले रखन े वाले तत्व-जल, वनस्पति, आकाश आ ैर वाय ु, विकास की चिमनियों स े निकलन े वाले धुए ं के कारण हांप रहे हैं । भू-मण्डलीकरण की लालची जीभ न े इन सभी तत्वों को बाजार में सुन्दर पैकिंग में भर व्यापार की वस्त ु क े रूप में प ेश कर दिया है । इन चारों के कम होन े से पाॅ ंचव े अंग यानी अग्नि न े आज प ूरी धरती को भीतर-बाहर से घेर लिया है । जिसके कारण धरती का भीतर-बाहर सब तपन े लगा ह ै । इसीलिए ‘पृथ्वी दिवसों’ की आड ़ में संयुक्त राष्ट्र टाइप धरती के द ूर क े रिश्त ेदार आईसीयू में डाॅयलिसिस पर लेटी धरती को शीशों क े कमरों से झांकत े रहत े हैं । धरती क े बु
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
25

अग्रहि, रामानन्द, та अवधेश चन्द्र मिश्रा. "भारतीय समाज में मीडिया का बदलता स्वरूप". International Journal of Science and Social Science Research 1, № 1 (2023): 44–47. https://doi.org/10.5281/zenodo.13328124.

Повний текст джерела
Анотація:
त बह ुत ही प्रतिभावान एवं ऊर्जावान य ुवा देश है, और यहां के युवा द ेश की तरक्की मे ं या ेगदान देने क े लिए लालयित रहते हंै। जिस तरहभारत के युवा अपने ह ुनर से देश का े आगे ले जा रह े है उसी प ्रकार भारत की वर्तमान मीडिया द ेश में क्रान्ति कारी परिवर्तन ला रही है, वर्त मान मीडिया का ेयुवा मीडिया कह सकते है। जिस प ्रकार मन ुष्य का जीवन काल का विकास बाल्यावस्था से किशा ेरावस्था, किशोरावस्था से युवावस्था एवं प ्रौढ़ा, वृद्धक्रम हा ेता हैठीक इसके विपरीत मीडिया का विकास-वृद्धावस्था स े प्रौढ़ावस्था, प ्रौढ़ावस्था से युवा वस्था क्रम ह ुई जैसे की प्रिंट मीडिया से इलेक्ट्रानिक मीडिया, इलेक्ट्राॅनिकमीडिय
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
26

बी.एस., निगवाले. "''राजीव गाँधी जल प ्रबधंन मिषन का ग्रामीण क्षेत्रा ें म ें आर्थिक योगदान''". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–5. https://doi.org/10.5281/zenodo.803446.

Повний текст джерела
Анотація:
भारतीय क ृषि मानसून का ज ुआं ह ै और यह ज ुआं भारतीय अर्थ षास्त्र और भारतीय जनता सनातन काल स े अपन े कंध े पर रखे ह ुए षून्य में ताक रही ह ै। वस्त ु स्थिति यह है कि जल के अभाव मे भारतीय कृषि ही क्या भारत के उद्योग धंधें, कल-कारखान े, और समूची अर्थव्यवस्था ही ठप हो जाती ह ै। पानी के अभाव मे ं गहराता विद्युत संकट, स ूख े पड ़े खेत आ ैर ब ंद पड ़े कल-कारखानों न े एक ओर हमार े राष्ट ªीय उत्पाद को प ्रभावित किया है वहीं द ूसरी तरफ हमारा अंतर्राष्ट ªीय निर्यात भी गड ़बड ़ाया है। फलतः एक आ ेर विद ेषी मुद ्रा की कमी की आप ूर्ति और द ूसरी ओर वर्त मान समस्याओं से निपटन े के लिए भारी वित्तीय प ्रब ंधन। ”ज
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
27

अ, ंशुली श. ुक्ला शा ेध छात्रा. "र ंगा ें का चित्रकला म ें महत्वपूर्ण योगदान". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1. https://doi.org/10.5281/zenodo.891986.

Повний текст джерела
Анотація:
प्रागैतिहासिक काल से ही चित्रकला में रंगा ें का मुख्य स्थान रहा है। चित्रकला में रंगा ें की भूमिका आकर्ष ण एवं सुन्दरता का े प्रकट करती ह ै। सामान्यतः प्रकृति रंगा ें की खान ह ै। व ैज्ञानिकों के अनुसार, रंगा ें की उत्पत्ति सूर्य के प्रकाश से ह ुयी ह ै जिसमें रंगा ें का समावेश मिलता ह ै। रंगा ें का संया ेजन भारतीय कला क े अन्तर्गत र्कइ श ैलिया ें जैसे-अजन्ता श ैली, पाल श ैली, अपभ ्रंश शैली, राजस्थानी श ैली, मुगल श ैली, दक्खन शैली, पहाड़ी श ैली आदि में दृष्टव्य ह ै। इसी प्रकार दक्षिण भारतीय राज्यों की चित्रकला रंगा ें के परिप्रेक्ष्य म ें केरल की चित्रकला भी विश ेष भूमिका रखती ह ै। जिसमें सर्व प
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
28

स, ंध्या जैन. "वैदिक काल म ें पर्यावरणीय संरक्षण क े प ्रति च ेतना पर एक अध्ययन". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883020.

Повний текст джерела
Анотація:
हिन्द ू धर्म के सबसे प्राचीन ग ्रंथ व ेद आ ैर उपनिषद ् है इनमें जगह जगह प्रक ृति से विरासत में मिली सभी वस्त ुओं का जीवन स े गहरा जुड ़ाव मिलता है आ ैर इन सभी को अत्य ंत पवित्र मानकर लोग इनकी प ूजा अर्चना करत े है। व ेद वैदिक युग की शिक्षा के पाठ ्यक्रम की पाठ ्यपुस्तकें रही है शिक्षार्थी व ेद मंत्रों तथा सूक्तियों को कंठस्थ करत े और जीवन का अंग बनात े। वैदिक काल म ें पर्यावरण शिक्षा, प्रद ूषण के कारणा ें और निवारण के विषय में चिंतन किया जाता रहा ह ै। वैदिक युग के सिद्ध ग्रंथों न े पर्यावरण शिक्षा का े सर्वो परि माना। उनकी सीख आज और अधिक प ्रांसगिक व हितसाधक है।
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
29

प, ्रो. श्रद्धा दुब े. प्राध्यापक इतिहास. "अजन्ता के चित्र एवं र ंग स ंयोजन (गुप्तकालीन कला क े परिप्रेक्ष्य म ें)". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1. https://doi.org/10.5281/zenodo.892002.

Повний текст джерела
Анотація:
गुप्तकाल भारत के इतिहास का स्वर्ण -युग कहा जाता ह ै। सुख समृद्धि आ ैर व ैभव के इस काल में सभी कलाओं का समान रूप से उन्नयन ह ुआ। इस युग की सबसे बड ़ी देन ह ै अजंता के भित्तिचित्र। चित्रकारों ने गहन अधंकरामयी गुफाओं में ब ैठकर जिन अपार्थिव कृत्तियों का सृजन किया वे अप्रतिम है। इनमें कथावस्तु और विषय तो भगवान तथागत के जीवन आ ैर जातक कथाआ ें से ही लिए किन्तु उन्ह े ं किसी सीमा में बांध कर नहीं रखा। उनमें सैकड ़ों वर्षों का लोकजीव दर्पण की भाँति प ्रतिबिम्बित है।अजंता में अर्ध-चन्द्राकार पर्व त का े काटकर 29 गुफाएँ बनाई गई ह ै। यह समूहा ें में ब ंटी हुई ह ै। इनमें दसवी ं आ ैर नवीं गुफाएँ बीच के समू
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
30

अपर्णा, श्रीवास्तव. "कार्टूनिस्ट मारिया े डी मिरा ंडा के जीवन में र ंगा ें की संव ेदनशीलता". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–4. https://doi.org/10.5281/zenodo.892080.

Повний текст джерела
Анотація:
कला, कलाकार क े अन्र्तमन की अभिव्यक्ति का श्र ेष्ठ माध्यम ह ै। प ्राचीन युग से कला क े तत्वों में रंगा ें का एक प्रमुख स्थान रहा है। किसी भी कला विधा में रंगा ें क े प्रया ेग क े द्वारा कलाभिव्यक्ति की संप्रेषणीयता की सार्थकता आदि काल से ही सर्व विदित है। कला की नवीन विधा कार्टून या कैरीकेचर कला किसी भी अन्य विधा की अप ेक्षा जनसाधारण को सीधे आकर्षि त ही नहीं प ्रभावित भी करती ह ै। इस कला विधा में साधारणः काली मोटी रेखाओं का ही प्रयोग होता ह ै, किन्तु यदि इस विधा में रंगा ें का उचित प ्रयोग किया जाए तो उसकी संप्र ेषण शक्ति आ ैर भी अधिक दृढ़ हो जाती ह ै। इस संदर्भ में एक ऐसा ही नवीनतम प ्रया ेग
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
31

गीताली, सेनग ुप्ता. "मानव स्वास्थ्य एवं प्रदूषण". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–5. https://doi.org/10.5281/zenodo.803458.

Повний текст джерела
Анотація:
‘‘स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मन का निवास होता ह ै।’’ उत्तम स्वास्थ्य प ्रत्येक मन ुष्य के लिए अम ूल्य निधि है, दीर्घ आयु एव ं उत्तम स्वास्थ्य का अट ूट ब ंधन है। इस संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दी र्गइ परिभाषा सर्वमान्य है -’’ स्वास्थ्य संप ूर्ण शारीरिक, मानसिक व सामाजिक निरोगता की अवस्था हैं तथा मात्र बीमारी या द ुर्बलता की अन ुपस्थिति को स्वास्थ्य नही माना जा सकता है।’’ अर्था त स्वास्थ्य एक सामान्य व्यक्ति क े लिए स्वस्थ्य वातावरण में, स्वस्थ्य परिवार मे ं, स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य दिमाग का वास है। प्राकृतिक वातावरण की संुदरता प ेड ़ - पौधे, जीव - जंत ुआ े, नदी - तालाब, पर्वत
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
32

त, ृप्ति जोशी. "पर्यावरण प्रदूषण-मानव स्वास्थ्य (एक विश्वव्यापी समस्या)". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.883517.

Повний текст джерела
Анотація:
आधुनिक विकास का प ्रतीक बनकर आई आ ैद्योगिक क्रांति के घातक पहलुओं के बार े में बह ुत कम लोगो ंका ध्यान जा पाया ह ै जान े कितन े लोग औद्योगिक प्रद ुषण के कारण तिल-तिल कर मरत े हैं। दिनां दिन प्रद ुषित होत े पर्यावरण के कारण संक्रामक बीमारियाँ न सिर्फ भारत में अपित ु विश्व के अधिकांश द ेशो ंमें बढ ़ती जा रही ह ै। भारत ही नहीं सम्पणर््ूा विश्व मे ंबीमारियों का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट ª के आँकड ़ों के अन ुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति व्यक्ति ग्रीन हाउस उत्सर्जन की दर भारत की त ुलना में 16 गुना ज्यादा ह ै, बांगलाद ेश की त ुलना में 60 गुना ज्यादा है। इथिया ेपिया तथा माली की त ुल
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
33

डा, ॅ. ईश्वर चन्द गुप्ता. "''रंगा ें की अभिव्यक्ति वाराणसी के भित्ति चित्रा ें म ें''". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.889221.

Повний текст джерела
Анотація:
रंग चित्र की आत्मा ह ै, रंगा ें क े प ्रति मनुष्य आसक्ति आदिम समय से ही रहा ह ै। भारतीय सभ्यता एव ं संस्कृति में रंगा ें का प ्रचलन बहुत पुराना ह ै रंग हमारे जीवन के साथी, ये हमारे सुखों को इंगित करते ह ैं। सामाजिक उत्सवा ंे-पर्वों पर इनकी छठा चारों ओर बिखरी होती ह ै। शुभ कार्य हो या अतिथि आगमन पर प ्रवेश द्वार पर रंगा ेली बर्नाइ जाती है रंग हमारे जीवन में ख ुशी एवं ऊर्जा भर देते ह ै ं भारतीय आध्यात्म भी विभिन्न रंगा ें से सराबा ेर ह ै। सृष्टि में अनेक रंग मौज ूद ह ै ं भारतीय रंग मना ेविज्ञान का आधार प ्रकृति है प ्रकृति में अनेक रंगा ें को आकाश में देखते ह ै ं जिनमें से कुछ विरा ेधी प ्रकृति
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
34

डा, ॅ. अर्चना रानी. "वर्ण-सौन्दर्य द्वारा दर्शक स े संवाद करती भारतीय कला". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–4. https://doi.org/10.5281/zenodo.888762.

Повний текст джерела
Анотація:
कला और सौन्दर्य-ये दा े शब्द कला जगत में एक ज ैसे होते हुए भी बह ुत विस्तृत ह ैं। स्थूल तैार पर हम कला आ ैर सा ैन्दर्य में का ेई अन्तर नहीं कर पाते। सा ैन्दर्य एक मानसिक अवस्था ह ै आ ैर वह देश-काल से मर्या दित है। इस सा ैन्दर्य रूपी व ृक्ष की दो शाखायें ह ैं-एक प्रकृति तथा दूसरी कला। कलागत सौन्दर्य पर दा े दृष्टियों से विचार किया जा सकता है। पहली दृष्टि यह है जिसमें हम कलाकार को क ेन्द्र में रखकर विचार करते ह ै ं अर्थात् कलाकार की कल्पना में किस प ्रकार कोई कलाकृति आकार ग्रहण करती ह ै आ ैर वह किस रूप में दर्श कों क े सम्मुख प्रकट हा ेती ह ै। दूसरी दृष्टि में दर्श क का े क ेन्द्र में रखा जाता ह
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
35

भारती, खर े., та कुमार अंजलि. "वानिकी एवं पर्या वरण". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.574868.

Повний текст джерела
Анотація:
एक अरब स े ज्यादा जन सैलाब के साथ भारतीय पर्या वरण का े स ुरक्षित रखना एक कठिन कार्य ह ै वह भी जबकि हर व्यक्ति की आवश्यकताएॅ ं, साधन, शिक्षा एव ं जागरूकता के स्तर में असमान्य अंतर परिलक्षित होता है। संत ुलित पर्या वरण के बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना करना मात्र एक कल्पना ही है। पर्यावरण स े खिलवाड ़ के परिणाम हम र्कइ रूप में वर्त मान में द ेख रहे हैं एव ं भोग रहे ह ैं। पर्यावरण विज्ञान आज के समय क े अन ुसार एक अनिवार्य विषय ह ै। यह सिर्फ हमारी ही नहीं अपित ु व ैश्विक समस्या ह ै। वर्त मान पर्यावरणीय अस ंत ुलन का े द ेखत े हुए इस विषय स े हर व्यक्ति का े जुड ़ना चाहिए एव ं जोड ़ना चाहिए। वानिकी एव
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
36

श्रीमती, संध्या देव. "रंगा े का सामाजिक परिप्रेक्ष्य". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.889219.

Повний текст джерела
Анотація:
रंग आनंद एव ं उत्साह का प ्रतीक ह ै। रंगा ें का मानव मस्तिष्क पर विश ेष प्रभाव पड़ता ह ै। रंग किसी भी वस्तु में आकर्ष कता एवं वोधगम्यता उत्पन्न करते ह ै। रंग की प्राप्ति का स्त्रोत प ्रकाश ह ै। विभिन्न रंगा े की पहचान इसीलिए संभव होती ह ै क्या ेंकि वस्तुए ं प ्रकाश का े परावर्तित यो अभिशोषित करती है। प्रकाश आंखो में प ्रव ेश करता ह ै। हमारी दृष्टि संव ेदना पर क्रिया करता है। इसके कारण प ्रकाश की संव ेदना उत्पन्न होती ह ै आ ैर मस्तिष्क को रंग की अनुभ ूति हा ेती है। सामान्यतः वस्तुएं प ्रकाश का कुछ भाग परावर्तित एवं कुछ भाग अभिशोषित करती ह ै। उदा0 यदि वस्तुएॅ हरे रंग की ह ै। तो वह हरे क े अलावा
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
37

स, ुनीता पाठक. "ऊर्जा समस्या एवं पर्या वरण". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883042.

Повний текст джерела
Анотація:
आर्थिक विकास के दृ्रष्टिकोण स े ऊर्जा एक अत्यन्त महत्वप ूर्ण अवस्थापना/इन्फ ्रास्ट ªक्चर/ है। प ्रकृति क े पारिस्थितिक संत ुलन में ऊर्जा की मुख्य भूमिका रहती है, जो प्राकृतिक परिवेश के जैविक तथा अज ैविक घटकों के मध्य अन्तःक्रिया बनाए रखती ह ै। मन ुष्य विकास को मात्र आर्थि क एव ं भौतिक विकास मानकर लक्ष्य की प्रतिप ूर्ति के लिए तीव्र गति वाली तकनीक का आविष्कार कर प्राकृतिक संसाधनो के अंधाध्ंाुध विदोहन म े जुट जाता है। यहीं उसस े त्रुटि हो जाती है आ ैर वह विकास के स्षान पर पर्यावरण का विनाश करन े लगता है, जिससे अन ेक सामाजिक समस्याओं को जन्म होता है, जिसमें स े एक ह ै ऊर्जा संकट । उत्पादन की आघुन
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
38

डा0, अजय क. ुमार गुप्ता. "र ंगा े का मना ेवैज्ञानिक प्रभाव एवं र ंग चिकित्सा". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.890587.

Повний текст джерела
Анотація:
आस्ट वाल्ड (जर्मन वैज्ञानिक) के अनुसार जिसने रंगा ें क े बारे में अपने मौलिक विचार संसार को दिये ह ै- आदर्श रंग आठ ह ै। व े है पीला, लाल, बैगनी, नीला, नारंगी, हरा, आसमानी, आ ैर धानी या हल्का हरा । रंगा ें क े विषय में अनेक मत प ्रचलित ह ै पर आजकल के अधिकांश कलाकार आस्ट वाल्ड के मत का े ही मानते ह ै इनके मतानुसार मुख्य रंग पीला, लाल, नीला आ ैर हरा ये चार हा ेते ह ै आ ैर आदर्श रंग आठ हा ेते ह ै। प ्रथम चार रंगा ें का े मौलिक (व्तपहदंस) रंग कहते ह ै आ ैर दूसरे चार अर्थात ब ैगनी, आसमानी, नारंगी आ ैर धानी का े द्वितीय रंग (ैमबवदकंतल) कहते ह ै। इनके अतिरिक्त तीन रंग आ ैर ह ै काला, सफेद, खाकी (ळतंल)
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
39

श्रीमती, मनीषा शर्मा. "स ंगीत म ें नवाचार का माध्यम स ंस्कृत भाषा". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Innovation in Music & Dance, January,2015 (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.885863.

Повний текст джерела
Анотація:
मानव सभ्यता के साथ-साथ कलाओं का विकास हुआ है । व ैदिक युग क े अ ंतिम कालखण्ड तक संगीत संब ंधी का ेई स्वतंत्र ग्र ंथ उपलब्ध नही ं ह ै तथापि संगीत कला के संबंध में उल्लेख स्थान पर अवश्य प ्राप्त होते ह ैं । ऋग्वेद में गीत, वाद्य आ ैर नृत्य तीना ें क े संब ंध में अन ेक उल्लेख पाये जाते ह ै ं। ऋग्वेद में गीत क े लिए गीर, गातु, गाथा, गायत्र तथा गीति जैसे शब्दों का प ्रयोग किया जाता था । यह सभी तत्कालीन गीत प्रकार थ े और इनका आधार छन्द आ ैर गायन श ैली थी । गीत तथा उसकी धुन के लिए ‘साम‘ संज्ञा भी रही । साम धुन या स्वरावली क े लिए पर्या यवाची शब्द रहा ह ै। यह तत्कालीन जनसंगीत क े अ ंतर्गत गायी जाने वा
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
40

उषा, कुमठ. "जलवायु परिवर्तन आ ैर भारतीय क ृषि". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.883553.

Повний текст джерела
Анотація:
भारतीय अर्थ व्यवस्था की आधारशिला कृषि है। कृषि एव ं जलवाय ु परिवर्त न का सबसे ज्यादा प्रतिकूल प ्रभाव कमजा ेर कृषक पर पड ़ रहा है। वर्षा की मात्रा में परिवर्त न होन े से फसलो ं की उत्पादकता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड ़ा है। जलवायु म ें होन े वाला परिवर्त न हमारी राष्ट ªीय आय का े भी प्रभावित कर रहा ह ै। द ेश के बहुत से भागो ं में अल्प वर्षा से फसलें सूख जाती है या अति-वृष्टि से बह जाती है जिसस े न केवल खाद्यानों का उत्पादन कम हुआ बल्कि उनकी कीमत े भी त ेजी से बढ ़ गई। जलवायु परिवर्त न से फसला ें की उत्पादकता ही प्रभावित नहीं ह ुई बल्कि उसकी ग ुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड ़ा है। तापमान के बढ
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
41

दिलीप, कुमार (अस्सिटेन्ट प. ्रोफेसर). "चित्रकला म ें र ंग (अजन्ता)". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1. https://doi.org/10.5281/zenodo.891774.

Повний текст джерела
Анотація:
अ ंजन्ता की गुफाआ ें मे भिति चित्रण 20र्0 इ 0 पू0 से लेकर 62र्0 इ 0 तक क े समय तक बनायी गयी ह ै इतने लम्बे समय अन्तराल क े बाद कुछ भिति चित्रों क े वर्ण सा ैष्ठव तथा लवण्य कम ह ुये ह ै फिर भी आज तक अजन्ता के चित्रा ें की आभा फीकी नही पडी है। अजन्ता के चित्रा ें में सुन्दर वर्ण छटा यत्र-तत्र विखरी दिखाई पडती है। यद्यपि इन चित्रा ें की चमक पर्या प्त धूमिल पड चुकी ह ै तथापि रंग जानदार प ्रतीत हा ेते ह ै। चमकदार नीचे, हरे तथा बैगनी रंग अपनी पूर्व आभा में आज भी जगमगाते ह ै। शरीर तथा कपडों का रंग लावण्य युक्त आ ैर संगत ह ै ं अजन्ता क े कुछ आरम्भिक चित्रों को छा ेडकर सोलहवीं तथा सत्रहवी गुफा में अजन्
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
42

म, ुकेश दीक्षित. "सामाजिक समस्याएं व पर्या वरण: उच्चतम न्यायालय की भूमिका". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.882783.

Повний текст джерела
Анотація:
पर्यावरण से मानव का गहरा संब ंध ह ै। मन ुष्य जब से इस पृथ्वी पर आया, उसन े पर्या वरण को अपन े साथ जोड ़े रखा है। सूर्य, चन्द ्रमा, पृथ्वी, पर्वत, वन, नदियां, महासागर, जल इत्यादि का प्रयोग मन ुष्य मानव विकास के आर ंभ से करता आ रहा है। मन ुष्य अपन े द ैनिक जीवन में लकड ़ी, भोजन, वस्त्र, दवायें इत्यादि प्राप्त करन े हेत ु प्राकृतिक सम्पदा का शुरू से उपयोग किया है और वर्त मान मे निर ंतर जारी है। सामाजिक परिवर्त न क े साथ औद्योगिक विकास एव ं जनसंख्या वृद्धि म ें पर्यावरण को प्रभावित किया है। औद्योगीकरण के कारण व्यक्ति आज अपनी आवश्यकता क े अन ुरूप पर्यावरण को बदलन े के लिये सक्रिय कारक बन गया है। वन
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
43

ममता, गौड ़. "पर्यावरण एवं भारत म ें विधिक प्रावधान". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.882533.

Повний текст джерела
Анотація:
पर्यावरण शब्द परि$आवरण शब्दों से मिलकर बना है, इसका शाब्दिक अर्थ हमार े चारा ें ओर के उस वातावरण से है, जिसमें जीवधारी रहत े है ं। इस प्रकार पर्या वरण भौतिक तथा जैविक अवयव या कारक का वह सम्मिश्रण है, जो चंह ु ओर से जीवधारिया ें को प्रभावित करता है। इस प्रकार पर्या वरण जीवा ें को प्रभावित करन े वाल े समस्त भौतिक एव ं जैविक कारकों का योग होता ह ै। यह कहा जा सकता है कि हमारी प ृथ्वी का पर्या वरण वह बाहरी शक्ति है जिसका जीवन पर स्पष्ट प्रभाव द ेखा जा सकता है। य े शक्तियाँ परस्पर सम्बद्ध हैं, परिवर्तनशील हैं तथा सम्पूर्ण एव ं संय ुक्त रूप मे ं जीवन पर प ्रभाव डालती हैं। इनमें भौतिक कारक के रूप म ें
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
44

डा, ॅ. भारती जोशी विभागाध्यक्ष. "र ंगा ें का मना ेवैज्ञानिक प्रभाव एवं र ंग चिकित्सा". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.888766.

Повний текст джерела
Анотація:
रंग हमारे दिमाग और शरीर पर अत्यधिक प्रभाव डालता ह ै।सूर्य से प ्राप्त उर्जा रंगा ें में समाहित हा ेती ह ै।प ्रकृति का सा ैन्दर्य हर घण्टे, हर दिन, हर वर्ष परिवर्तित होता रहता ह ै। प ्रकृति का हर रंग प ्राणी का मित्र ह ै बस आवश्यकता ह ै धैर्यपूर्वक प्रकृति की मूक भाषा का े सीखने, समझने, आ ैर आत्मसात करने की । ख ुली जगह में देख ें, प ्रकृति ने कैसे रंगा ें का ताना बाना बुना ह ै रंगा ें क े एक शेड का े दूसरे श ेड से कितनी सुन्दरता क े साथ मिलाया ह ै । आसमान का नीलापन कितना शान्तिदायक है आ ैर कितने प ्रशस्त होने की भावना से ओत प ्रोत ह ै। प ृथ्वी की हरीतिमा कैसी शीतल और तुष्टि प ्रदायनी ह ै। सुर्य
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
45

अ, ंजना जैन. "भारत म ें प ेयजल प्रद ुषण - मानव स्वास्थ्य के लिए एक चुना ैति". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–5. https://doi.org/10.5281/zenodo.883525.

Повний текст джерела
Анотація:
पृथ्वी का 2/3 भू-भाग जल स े घिरा ह ुआ है। पृथ्वी पर जल की मात्रा 1.4 मिलियन क्यूबिक मीटर आंकी गई है। जिसका 97.57ः भाग महासागरों में होन े के कारण खारा जल है। लगभग 36 क्यूबिक मीटर स्वच्छ जल जा े पीन े व उपयोग म ें ल ेन े योग्य है उसम ें स े लगभग 28 मिलियन क्यूबिक मीटर जल बर्फ के रूप म ें ध्रुवों पर जमा ह ै। हमार े वास्तविक उपया ेग के लिये उपलब्ध लगभग 8 मिलियन क्यूबिक मीटर जल पर द ूनिया के लगभग 6 अरब से ज्यादा की आबादी निर्भर है।’1 पीन े योग्य जल के स्त्रोत के रूप में नदियाँ, तालाब, कुए व नलकुप उपलब्ध है। और इनके जल का उपयोग भी हम उसी स्थिति म ें कर सकत े है। जब यह जल प्रद ुषण से मुक्त हो। शुध्द
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
46

ममता, का ेठारी. "पर्यावरण संरक्षण एव ं हिन्दू धर्म". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special Edition) (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.883537.

Повний текст джерела
Анотація:
पर्यावरण के अन्तर्गत वायु जल भूमि वनस्पति प ेड़ पौधे, पशु मानव सब आत े है । प ्रक ृति में इन सबकी मात्रा और इनकी रचना कुछ इस प्रकार व्यवस्थित है कि प ृथ्वी पर एक संत ुलनमय जीवन चलता रह े । विगत करोंड ़ांे वर्षो से जब से पृथ्वी मन ुष्य पशुपक्षी और अन्य जीव-जीवाणु उपभा ेक्ता बनकर आये तब से, प्रकृति का यह चक्र निर ंतर और अबाध गति से चल रहा ह ै । जिसको जितनी आवष्यकता है व प्रकृति से प्राप्त कर रहा है आ ैर प्रक ृति आगे के लिये अपन े में और उत्पन्न करके संरक्षित कर लेती है । मानव इतिहास का अवलोकन कर े तो आज स े प ंाॅच सौ सात सा ै वर्ष प ूर्व मन ुष्य प ्रकृति के समीप था । प्रक ृति से मिले भोजन पर साम
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
47

डाॅ., र. ेखा ग. ुप्ता. "जनसंख्या दबाव जनित भ ूमि उपयोग/भ िूम आवरण म ें परिवर्तन (मध्यप्रदेश के संदर्भ म ें)". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH 3, № 9 (Special edition) (2017): 1–6. https://doi.org/10.5281/zenodo.883016.

Повний текст джерела
Анотація:
मानव और प्राक ृतिक संसाधनों में अन्योन्य आश्रित संब ंध है। मानव प्रकृति से प्राप्त ज ैविक-अज ैविक सम्पदा पर ही अपन े ज्ञान एव ं कौशल का उपयोग करके उन्हें बहुमूल्य सेवा एव ं वस्त ुआ ें मे ं परिवर्ति त करता है एव ं आर्थिक विकास को दिशा एव ं गति प्रदान करता ह ै। मानव के बिना प ्रकृति की इस सम्पदा का कोई मूल्य नहीं है। मानव ही विकास का साधन एव ं साध्य दोना ें है। प्रा े. पी.एल. रावत ने कहा ह ै कि, मन ुष्य आर्थि क विकास का आदि एव ं अंत दोनों है किन्त ु जब मानव अपनी बढ ़ती हुई आवश्यकताओं की प ूर्ति के लिए इन प्राकृतिक संपद¨ का अत्यधिक शोषण या दोहन करन े लगता ह ै तो मानव व प्रकृति के बीच संत ुलन बिगड
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
48

प, ्रो. कि ंशुक श्रीवास्तव. "वर्तमान समयानुसार संगीत संस्थाआ ें के पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता". International Journal of Research – Granthaalayah Innovation in Music & Dance, January,2015 (2017): 1–3. https://doi.org/10.5281/zenodo.884618.

Повний текст джерела
Анотація:
शिक्षा शब्द संस्कृत के ‘शास’ धातु से बना है जिसका अर्थ है शिक्षा देना, निर्देश द ेना, आज्ञा देना। शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो ज्ञान विद्या अभ्यास व अनुभव से युक्त है जिसक े माध्यम से या ेग्य या अया ेग्य व्यक्ति की वृŸिायों का परिष्कार किया जा सकता है। वास्तव म ें शिक्षा का अर्थ ह ै किसी विद्यार्थी के सीखने की क्रिया। स्वामी विव ेकानन्द का मत है ‘‘मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है। शिक्षा का अंग्र ेजी अनुवाद म्कनबंजपवद है यह शब्द लैटिन भाषा से है, जिसका अर्थ है- विकसित करना अथवा निकालना। ‘‘शिक्ष्यते उपदिश्यत े यत्र सा शिक्षा’’ अर्थात ् जिस माध्यम अथवा प्रणाली के द्व
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
49

गणेश, अनिल थोर. "द्वितीय भाषा शिक्षण में प्रौद्योगिकीय संसाधनों का अनुप्रयोग". 9 січня 2025. https://doi.org/10.5281/zenodo.14622255.

Повний текст джерела
Анотація:
शोधालेख सार:-िवīमान यगु ÿौīोिगकìय संसाधनŌ का युग है। इस वै2ािनक यगु म¤िहदं ी भाषा अिधगम एवं िश±ण म¤संगणक कì महनीय भिूमका है। िकसी भी भाषा के सवा«गीण िवकास के िलए यह आवÔयक हैिक उससेसंबंिधतसामúी का िनमाणa एवं ÿÖततुीकरण के िलए िडिजटल साधनŌ का अिधकािधक माýा म¤ÿयोग हो । ÿौīोिगकìय यगुम¤सगं णक एक सवाaिधक िवकिसत, उपयोगी व सावaभौिमक अिभकलý है । इसेÿौīोिगकì संसाधनŌ का मिÖतÕक भीकह सकते ह ।§ आज के समय म¤िहदं ी भाषा व वाङमयीन िवकास और ÿचार-ÿसार म&cu
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
50

बद्रीलाल, मालवीय शेाधार्थी. "पर्यावरण संरक्षण व अन्र्तराष्ट्रीय कानून". 2 листопада 2017. https://doi.org/10.5281/zenodo.1040485.

Повний текст джерела
Анотація:
भोतिकवादी पृवत्ति के वशीभूत हो इसांन अपनी सुख सुविधाओं में अधिकाधिक वृद्वि करने क े उदद ेश्य से प्राकृतिक संपदाओ का अविवेक पूर्ण दोहन जिस गति से कर रहा है, उसमें पर्यावरण का ताना बाना चरमरा रहा है । जीवन दायी तत्वों का दाता प्राक ृतिक पर्यावरण आज अत्यधिक द ेाहन, असीमित मात्रा म ें निकलते गंद े और उत्सर्जित पदार्थो क े कारण संकटमय स्थिति में पहु ंच गया है । इससे न सिर्फ मानव वस्तु अपितु संपूर्ण पृथ्वी पर संकट छाया हुआ है । इसलिये पर्यावरण को संरक्षित करना एवं प्रदुषण को नियंत्रित करना द ेश की एक व्यापक जिम्मेदारी बन गई है। प्रदुषण आज की एक ज्वलंत समस्या है । पर्यावरण अर्थात वातावरण को यह प्रदुष
Стилі APA, Harvard, Vancouver, ISO та ін.
Ми пропонуємо знижки на всі преміум-плани для авторів, чиї праці увійшли до тематичних добірок літератури. Зв'яжіться з нами, щоб отримати унікальний промокод!