To see the other types of publications on this topic, follow the link: भू-राजनीति।.

Journal articles on the topic 'भू-राजनीति।'

Create a spot-on reference in APA, MLA, Chicago, Harvard, and other styles

Select a source type:

Consult the top 50 journal articles for your research on the topic 'भू-राजनीति।.'

Next to every source in the list of references, there is an 'Add to bibliography' button. Press on it, and we will generate automatically the bibliographic reference to the chosen work in the citation style you need: APA, MLA, Harvard, Chicago, Vancouver, etc.

You can also download the full text of the academic publication as pdf and read online its abstract whenever available in the metadata.

Browse journal articles on a wide variety of disciplines and organise your bibliography correctly.

1

साहू, तरूण कुमार. "इजराइल-हमास : अनवरत संघर्ष". Research Expression 7 (10 березня 2024): 74–79. https://doi.org/10.61703/re-ps-vyt-710-24-8.

Full text
Abstract:
इज़राइल-हमास संघर्ष व्यापक इज़रायली-फिलिस्तीनी संघर्ष का एक महत्वपूर्ण और स्थायी पहलू है, जो हिंसा के बार-बार चक्र, गहरेराजनीतिक और क्षेत्रीय विवादों और गंभीर मानवीय परिणामों से चिह्नित है।1987 में प्रथम इंतिफ़ादा के दौरान हमास की स्थापना से शुरू हुए इस संघर्षकी तीव्रता कई बार बढ़ चुकी है, जिसमें 2008, 2014 और 2021 में बड़े टकराव शामिल हैं। इन संघर्षों के परिणामस्वरूपबड़े पैमाने पर हताहत हुए हैं, विशेष रूप से गाजा में नागरिकोंके बीच, जिसने इस क्षेत्र में मानवीय संकट को बढ़ा दिया है ।स्थायी शांति प्राप्त करने के प्रयास काफी हद तक असफल रहे हैं, अंतर्राष्ट्रीय पक्ष समाधान पर विभाजित हैं। चल रहे स
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
2

Kumar, Ramesh. "Afghanistan: An Arena of Global Geopolitics." RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary 7, no. 3 (2022): 101–5. http://dx.doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i03.017.

Full text
Abstract:
Afghanistan is a country located at the meeting point of South, West and Central Asia. It once distinguished itself for its rich cultural heritage and economic equality. But for the last 40 years, due to the mutual competition and interference of global superpowers, it has emerged as the main hot spot of global geopolitics. The direct intervention of the Soviet Union and later the American bloc made Afghanistan the main arena of global geopolitics. By promoting Islamic extremists for their vested interests, the ground was created for a terrorist group like Taliban, which later shook the whole
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
3

दीपक कुमार та डॉ. संजय कुमार. "शीत-युद्ध के बाद भारत- अमेरिका संबंध और चीन". Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education 21, № 6 (2024): 32–41. http://dx.doi.org/10.29070/wzb7ac15.

Full text
Abstract:
शीत-युद्ध के बाद, भारत-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण परिवर्तन और विकास देखा गया है। शीत-युद्ध के दौरान, भारत की गुट-निरपेक्ष नीति और अमेरिका का पाकिस्तान के साथ गठबंधन, दोनों देशों के संबंधों में प्रमुख बाधाएं थीं। शीत-युद्ध के अंत के साथ, वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव आया और भारत और अमेरिका के बीच नए अवसरों और साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त हुआ। इस सारांश में शीत-युद्ध के बाद के भारत-अमेरिका संबंधों के विकास और चीन पर उनके प्रभावों को विस्तार से समझाया गया है। शीत-युद्ध के समय, भारत और अमेरिका के संबंध जटिल थे। भारत ने गुट-निरपेक्ष आंदोलन का नेतृत्व किया, जबकि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ गठबं
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
4

Sigdel, Shalik Ram, Pramila Basnet та Man Singh Mahara. "हरिनगर गाउँपालिकाको भू–उपयोग क्षेत्र वर्गीकरण र परिवर्तन". Teacher Half-Yearly Journal 17, № 1 (2025): 389–407. https://doi.org/10.3126/thj.v17i1.77926.

Full text
Abstract:
भूमि, उत्पादनको मुख्य स्रोत तथा जीवन निर्वाहको एउटा प्रमुख आधार मानिन्छ । नेपालमा भूमिको उचित व्यवस्थापन तथा कृषि भूमिको संरक्षणका लागि भू–उपयोग क्षेत्र वर्गीकरण गरी योजना तर्जुमा गर्न भू–उपयोग नियमावली २०७९ ले गरेको व्यवस्था र स्थानीय आवश्यकता समेतका आधारमा गरिएको भू–उपयोग क्षेत्र वर्गीकरण तथा त्यसको विश्लेषण गर्नु यस अध्ययनको प्रमुख उद्देश्य रहेको छ । प्रस्तुत अध्ययन मुख्यतः प्राथमिक तथ्याङ्कमा आधारित रहेको छ । यस अध्ययनमा भूमिको स्वामित्व तथा भू–उपयोग क्षेत्रसम्बन्धी नक्सा तथा तथ्याङ्क नापी विभागबाट लिइएको छ । सडक विस्तारसँगै बस्ती विकास, सहरीकरण, बसाइँ सराइको प्रभाव, औद्योगिक ग्रामको व्यवस
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
5

Shahi, Hirendra Bahadur. "बदलिँदो विश्व व्यवस्था र नेपालमा बढ्दो भू–राजनीतिक प्रभाव". AMC Multidisciplinary Research Journal 4, № 1 (2025): 150–56. https://doi.org/10.3126/amrj.v4i1.78690.

Full text
Abstract:
चीन विश्वव्यवस्थाको एक महत्वपुर्ण राष्ट्र भैसकेको छ । चीन, रसिया र भारतको आर्थिक, सैन्य र प्राविधिक विकासले विश्वव्यवस्था बहुधुविय अवस्थामा प्रवेश गरेको छ । यी तीन ओटा राष्ट्रहरुलाई अस्विकार गरेर आजको विश्वव्यवस्था चल्न सक्ने अवस्था देखिदैन् । चीनियाँलागानीको बिआरआई परियोजना संसारका धेरै देशहरुमा सञ्चालन भैरहेका छन् । अमेरिकी नेतृत्वको पुँजिवादी विश्व अर्थव्यवस्थामा समेत चीनको महत्वपुर्ण योगदान छ । भू–राजनीतिकरुपमा नेपाल, चीन र भारतका बिचमा रहेकाले नेपालमा भू–राजनीतिक चासो बढेर गएको छ । ठुला देशहरु बिचको प्रतिद्वन्दिता, सहकार्य र प्रतिस्पर्धा आदि सबैको प्रभाव नेपालमा देखापरेको छ । भूराजनीतिक ह
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
6

मीना, अशोक कुमार. "नगर नियोजन व भू-उपयोग प्रतिरूप (जयपुर नगर का विशेष भू-उपयोग अध्ययन)". Anthology The Research 8, № 12 (2024): H7 — H20. https://doi.org/10.5281/zenodo.10942820.

Full text
Abstract:
This paper has been published in Peer-reviewed International Journal "Anthology The Research"                URL : https://www.socialresearchfoundation.com/new/publish-journal.php?editID=8711 Publisher : Social Research Foundation, Kanpur (SRF International)                  Abstract :  नगर नियोजन का विषय क्षेत्र सभ्यता के विकास के अनुसार परिवर्तित होता रहा हैं। तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार नगरो में उत्तम व्यवस्था सु-नियोजित भू-
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
7

सुनील, कुमार तिवारी. "हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत का सुरक्षा उत्तरदायित्वः एक मूल्यांकन". International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary 2, № 6 (2023): 60–63. https://doi.org/10.5281/zenodo.10446887.

Full text
Abstract:
सम्पूर्ण विश्व एक मूल-भूत परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, तथा इसके साथ ही बदल रहा है विश्व का शब्द कोश, जिसमें आवश्यकता एवं महत्ता के आधार पर एक शब्द है ‘इंडो-पैसिफिक‘ जिसने विगत कुछ वर्षों में विश्व की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं की भू-रणनीति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में विश्व के कई देशों ने अपने-2 अधिकारपत्र में आवश्यकतानुसार विवरण तैयार कर रहे हैं। भौगोलिक तौर पर हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ भागों को मिलाकर समुद्र का जो हिस्सा बनता है, उसे हिंद-प्रशांत ;प्दकव.च्ंबपपिब ।तमंद्ध के नाम से जाना जाता है। हिंद और प्रशांत महासागर की बढ़ती अहमियत ने &
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
8

अधिकारी Adhikari, सुरेश Suresh. "राजनीति र प्रशासनबिचको अन्तरसम्बन्धः सैद्धान्तिक पक्ष र नेपालको सन्दर्भ". Prashasan: Nepalese Journal of Public Administration 53, № 1 (2022): 149–55. http://dx.doi.org/10.3126/prashasan.v53i1.46323.

Full text
Abstract:
राजनीति र प्रशासन दुवै शासन व्यवस्थाका अभिन्न अङ्ग हुन । राजनीति जनमतबाट शासनमा स्थापित हुन्छ भने प्रशासन प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा प्रणालीबाट । राजनीति मूलत: विधि निर्माण तथा नीति निर्माणमा संलग्न हुने हो, प्रशासन चाहिँ तर्जुमा गरेका विधि र नीतिको कार्यान्वयनमा क्रियाशील हुनुपर्दछ । यो सैद्धान्तिक मान्यतामा पनि आजभोलि केही परिवर्तन देखापरेको छ । राजनीति पनि नीति कार्यन्वयनबाट निरपेक्ष बस्न सक्दैन किनकी शासनको प्रभावकारिता यसैमा देखिन्छ । प्रशासनले पनि नीति निर्माण प्रक्रियामा सहभागी हुनै पर्दछ । जे भए पनि शासनलाई जनमुखी तथा परिणाममूलक बनाउन दुवै क्षेत्रले योगदान गर्नुपर्ने हुन्छ । आपसी अहम् र
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
9

., Isha, та Rachna Yadav. "भारतीय एक्ट ईस्ट नीति और आसियान: इंडो-पेसेफिक क्षेत्रीय साझेदरी के निर्माण के विशेष सन्दर्भ में". International Journal of Science and Social Science Research 1, № 2 (2023): 100–102. https://doi.org/10.5281/zenodo.13375589.

Full text
Abstract:
विगत वर्षो में यदि भारतीय सुरक्षा नीति की बात कि जाये तो पिछले कुछ दशकों से भारत की सुरक्षा चिंताओं में काफी बदलाव आया है| 1990 के दौरान “पूर्व की ओर देखों नीति” (एलईपी) के निर्माण के साथ ही एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में आसियान एक आवश्यक घटक के रूप में उभरा है| सन 2014 में भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी में बदलाव के साथ और अधिक व्यापकता भी देखने को मिलती है| यदि वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक वातावरण में भी अमेरिका के पीछे हटने, चीन की आक्रमक स्थिति और बेल्ट एण्ड रोड इनिशिएटिव के साथ ही साथ ‘इंडो पेसेफिक’ के भू-राजनीतिक निर्माण के साथ विशिष्ट बदलाव देखाई पड़ते है| क्षेत्रीय हितधारक
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
10

स्वेता, चैधरी. "महिला सशक्तिकरण के दौर में महिलाओं की राजनीतिक क्षेत्र में भूमिका". International Journal of Advance and Applied Research 10, № 3 (2023): 96–98. https://doi.org/10.5281/zenodo.7583247.

Full text
Abstract:
महिला सशक्तिकरण के तमाम परम्पराओं के बावजूद देश की कल श्रमशक्ति में महिलाओं की भागेदारी कम हो रही है। वल्र्ड बैंक ने अपनी इण्डिया डवेलमेंट रिपोर्ट में कहा कि वर्क कोर्स में महिलाओं की भागेदारी के मामले में भारत काफी पीछे है महिला सशक्तिकरण की जब हम बात करते है ंतो सिर्फ उनकी सुरक्षा सामाजिक अधिकारजैसे मुद्दांे तक बात सीमित रह जाती है लेकिन महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है उनका राजनीतिक सशक्तिकरण होना अनिवार्यता है। भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका का अध्ययन राजनीतिक दृष्टिकोण से किया गया है इस शोध पत्र में राजनीति में महिलाओं की भागेदारी वर्तमान स्थिति समस्याओं और महिलाओं के राजनीतिक भविष्य
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
11

स्वेता, चौधरी. "महिला सशक्तिकरण के दौर में महिलाओं की राजनीतिक क्षेत्र में भूमिका". International Journal of Advance and Applied Research 10, № 3 (2023): 96–98. https://doi.org/10.5281/zenodo.7608716.

Full text
Abstract:
महिला सशक्तिकरण के तमाम परम्पराओं के बावजूद देश की कल श्रमशक्ति में महिलाओं की भागेदारी कम हो रही है। वल्र्ड बैंक ने अपनी इण्डिया डवेलमेंट रिपोर्ट में कहा कि वर्क कोर्स में महिलाओं की भागेदारी के मामले में भारत काफी पीछे है महिला सशक्तिकरण की जब हम बात करते है ंतो सिर्फ उनकी सुरक्षा सामाजिक अधिकारजैसे मुद्दांे तक बात सीमित रह जाती है लेकिन महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है उनका राजनीतिक सशक्तिकरण होना अनिवार्यता है। भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका का अध्ययन राजनीतिक दृष्टिकोण से किया गया है इस शोध पत्र में राजनीति में महिलाओं की भागेदारी वर्तमान स्थिति समस्याओं और महिलाओं के राजनीतिक भविष्य
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
12

Atom, Netra. "हो–चि–मिन्हलाई चिठी कवितामा स्थानिकता". JMC Research Journal 13, № 1 (2024): 54–67. https://doi.org/10.3126/jmcrj.v13i1.73386.

Full text
Abstract:
प्रस्तुत लेखमा भूपी शेरचनको ‘हो–चि–मिन्हलाई चिठी’ कवितालाई काव्यिक पाठका रूपमा लिएर यसमा अभिव्यञ्जित स्थानिकता विश्लेषण गरिएको छ । यस कवितामा भौगोलिक, ऐतिहासिक र सांस्कृतिक समय, स्थान, स्थलको चित्रण गरी स्थानिकताको उपयोगले एसिया, युरोप र अमेरिकाको चिन्तन, उपनिवेशको सिर्जना तथा मुक्तियोद्धा हो चि मिन्हको निरन्तर सङ्घर्षशीलता एवम् प्रेरणाको उद्घाटन गरिएको छ भन्ने देखाउँदै इतिहासको लेखाजोखा र साम्राज्यवादविरुद्ध राष्ट्रिय क्रान्तिको आवश्यकता देखाउनु यस लेखको उद्देश्य हो । यसको सैद्धान्तिक ढाँचाको रचना गर्दा भू–काव्यशास्त्र, भू–समालोचना, स्थानिकता र भौतिक भूगोललाई आधार बनाइएको छ । स्थानिकताको अध्य
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
13

पाण्डेय, शैलेन्द्र, та मंजू सोलंकी. "भारतीय राजनीति में राजनैतिक दलों का स्वरूप". Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education 21, № 5 (2024): 891–98. https://doi.org/10.29070/0x5s6c34.

Full text
Abstract:
भारतीय राजनीति में राजनैतिक दलों का स्वरूप अत्यंत जटिल, विविधतापूर्ण एवं गतिशील है। यह स्वरूप भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक, क्षेत्रीय और भाषाई विविधताओं को प्रतिबिंबित करता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही भारत में बहुदलीय प्रणाली का विकास हुआ, जिसमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों प्रकार के दलों ने सक्रिय भूमिका निभाई। प्रारंभ में कांग्रेस का प्रभुत्व रहा, किंतु समय के साथ अन्य दलों जैसे भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी दलों, वाम दलों तथा क्षेत्रीय दलों ने भी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। आज भारतीय राजनीति में गठबंधन सरकारों, जातीय राजनीति, विचारधारा आधारित राजनीति और चुनावी रणनीतियों की महत्वपूर्ण
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
14

Ram, Chena. "महात्मा गाँधीः एक दार्शनिक अराजकतावादी". International Journal of Education, Modern Management, Applied Science & Social Science 07, № 01(II) (2025): 125–28. https://doi.org/10.62823/ijemmasss/7.1(ii).7338.

Full text
Abstract:
महात्मा गाँधी मूल रूप में एक आ/यात्मिक सन्त थे, जिनका मूल उदेश्य धार्मिक जीवन व्यतीत करना था लेकिन गाँधीजी की धर्म सम्बन्धी धारणा लौकिक थी और वे मानवता की सेवा को ही वास्तविक धर्म मानते थे। महात्मा गाँधी के जीवनकाल की परिस्थितियाँ ऐसी थी कि उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करना पड़ा। स्वयं गाँधी जी के शब्दों में ‘‘उस समय तक मैं धार्मिक जीवन व्यतीत नहीं कर सकता था, जब तक कि मैं स्वयं को सम्पूर्ण मानवता के साथ एकीकृत न कर लेता और मैं यह उस समय तक नहीं कर सकता था, जब तक कि राजनीति मंे भाग नहीं लेता।’’ महात्मा गाँधी की राजनीतिक विचारधारा का मूल आधार राजनीति के प्रति उनका आ/यात्मिक दृष्टिकोण ही है
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
15

डॉ., मुकेश आहूजा. "धर्म, समाज और राजनीति: भारतीय समाज के त्रिभुज में समाजशास्त्रीय विश्लेषण". INTERNATIONAL JOURNAL OF INNOVATIVE RESEARCH AND CREATIVE TECHNOLOGY 2, № 6 (2016): 1–8. https://doi.org/10.5281/zenodo.15223022.

Full text
Abstract:
धर्म, समाज, और राजनीति: भारतीय समाज के त्रिभुज में समाजशास्त्रीय विश्लेषण का यह शोध पत्र भारतीय समाज की विविधता और संरचना को समझने का प्रयास करता है। भारतीय समाज में धर्म, समाज, और राजनीति के बीच संबंध को समझने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों का विश्लेषण किया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 79.8% हिंदू, 14.2% मुस्लिम, 2.3% ईसाई, 1.7% सिख, और अन्य धर्मों के लोग निवास करते हैं (रामनिक, 2011)। यह धार्मिक विविधता समाज और राजनीति को गहराई से प्रभावित करती है। यह शोध पत्र धर्म, समाज, और राजनीति के तत्वों के संबंध को समझाने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों को विश्लेषण करता है।प्रस्तावना में, विभिन्न
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
16

बी0, पी0 देवली, та फुलोरिया कमला. "पर्वतीय क्षेत्रों में पूर्वजों के कठिन परिश्रम से निर्मित ग्रामीण उप-बस्तियों का बदलता स्वरूप". RECENT RESEARCHES IN SOCIAL SCIENCES & HUMANITIES 11, № 3 (2024): 16–20. https://doi.org/10.5281/zenodo.13997523.

Full text
Abstract:
पूर्वजों ने हिमालय क्षेत्र में भी कठोर परिश्रम करके ढ़ालदार क्षेत्रों को आवासीय एवं कृषि योग्य बनाया। सैकड़ों वर्षों तकहिमालय की छोटी-छोटी सांस्कृतिक भू-स्थलाकृतिक रूपी बस्तियों से उसका अटूट संबंध रहा, किन्तु बीसवीं शताब्दी केउत्तरार्द्ध तक विकास रूपी आधुनिकता से सामाजार्थिक परिवर्तन का तीव्र प्रभाव पर्वतीय ग्रामीण उप बस्ती रूपीसांस्कृतिक भू-स्थलाकृतियों पर स्पष्ट दिखाई देने लगा, क्योंकि मूल ग्रामों की अपेक्षाकृत उप बस्तियों में जन-जीवनकठोर परिश्रम युक्त तथा इनमें आधुनिकता का घोर अभाव था। आधुनिकता और विकास दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।अर्थात विकासरूपी चक्र ही मानव समाज को आधुनिकता की ओर ले जाता
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
17

सीरवी, सरोज. "भारतीय राजनीति में नैतिक अवमूल्यन: कारण व सुझाव". International Journal of Education, Modern Management, Applied Science & Social Science 07, № 01(I) (2025): 33–38. https://doi.org/10.62823/ijemmasss/7.1(i).7139.

Full text
Abstract:
भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला नैतिकता, ईमानदारी और जनसेवा के सिद्धान्तों पर रखी गयी थी। लेकिन समय के साथ राजनीति में नैतिक मूल्यों का ह्रास होता जा रहा है। नैतिकता का अर्थ सत्य, ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ कर्तव्यों का पालन करना। आज के दौर में राजनीतिक नैतिकता की स्थिति चिंताजनक है, जहां सत्ता, धन और व्यक्तिगत लाभ के लिए नैतिक सिद्धांतों को दरकिनार किया जा रहा है। आज दुख इस बात का है कि मूल्यों, आदर्शों, विश्वास, नियम, आचार संहिता और संविधान आदि को टेढ़ी निगाह से देखा जा रहा है। मनुष्य अपनी जड़ों से उखड़ चुका है। वर्तमान में भारतीय राजनीतिक, आर्थिक एवं समाजिक व्यवस्था को खोखला करने में सबसे अधिक
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
18

तिवारी, प्रवीण कुमार, та अभय सिंह. "‘‘एकात्ममानववाद एवं राष्ट्रीय राजनीति’’". Humanities and Development 18, № 02 (2024): 85–88. https://doi.org/10.61410/had.v18i2.149.

Full text
Abstract:
पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक राजनीतिज्ञ के साथ-साथ महान दार्शनिक,अर्थशास्त्री एवं समाज सेवी भी थे, पं0 दीनदयाल उपाध्याय का पारिवारिक जीवन तो अत्यन्तकठिनाईयों में व्यतीत हुआ। शिक्षा पूर्ण करने के साथ ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सिपाही केरूप में जुड़े और संघ प्रचारक के रूप में अपनी ख्याति अर्जित की। वह पां´चजन्य में पत्रकार कीभूमिका में लेखन कार्य किया, पं0जी एकात्म मानववाद की कल्पना मार्क्सवाद एवं पश्चिमी पूँजीवादव्यक्तिवाद के विरोध स्वरूप उत्पन्न हुआ। उन्होंने कभी भी आधुनिक तकनीकि या विज्ञान का विरोधनहीं किया, उनका विचार पूँजीवाद एवं समाजवाद के समन्वय द्वारा प्राप्त गुणां े के तो प्रशंसक थे,
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
19

अधिकारी Adhikari, बमबहादुर Bambahadur. "नवलपरासीको भूगोलमा मानव बस्तीको इतिहास {History of human settlements in the geography of Nawalparasi}". PRAGYAN A Peer Reviewed Multidisciplinary Journal 3, № 1 (2021): 42–54. http://dx.doi.org/10.3126/pprmj.v3i1.61657.

Full text
Abstract:
नेपालको भौगोलिक परिवेशमा नवलपरासी जिल्लाको भू–वनोट एवम् धरातलीय स्वरूप, हावापानी, पहाड, भित्री मधेस, चुरे, भावर र तराईको भूगोलमा विभाजित नदी, खोलाहरूको प्राकृतिक विषमतालाई चिनाउनु यस लेखको मुख्य सार रहेको छ । एउटै जिल्लामा फरक फरक प्रकृतिको जलवायु, मानव बसोवासको स्थिति, वन जङ्गलप्रति मानवको चलखेल वन विनाश र संरक्षणको स्थिति, राजनीतिक तथा प्रशासनिक विभाजन आदि पक्षलाई विश्लेषण गरी नवलपरासी जिल्लाको परिचय गराउनु पनि यस लेखको उद्देश्य हो । खास गरी प्रागैतिहासिक कालको नवलपरासीको संरचना र मानव बस्तीको रूपमा विकसित स्थितिलाई देखाउनु र नवलपरासी जिल्लाको इतिहास केलाउनु पनि लेखको सार हो । विशेष गरेर नवल
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
20

विवेक, साहू. "भारत में गठबंधन राजनीति की प्रासंगिकता". International Educational Applied Research Journal 08, № 08 (2024): 58–64. https://doi.org/10.5281/zenodo.14229027.

Full text
Abstract:
भारत में गठबंधन की राजनीति भारतीय राजनीति का प्रमुख अध्याय है । प्रस्तुत शोध पत्र भारत में गठबंधन की राजनीति की प्रासंगिकता का विश्लेषण करने के लिए लिखा गया है ।1989 के बाद से 2014 के काल तक भारत में विभिन्न गठबंधन सरकारें गठित हुईं । कई सरकारें अपने कार्यकाल को पूर्ण नहीं कर पाई और समय से पहले ही अस्थिर हो गई। देश को अस्थिरता के दौर से गुजरना पड़ा। गठबंधन की राजनीति ने  सकारात्मक भूमिका 1999 के एनडीए सरकार के गठन के साथ ही निभाना शुरू की। इसके बाद 2004 में गठित यूपीए -1 एवं 2009 में गठित यूपीए - 2 ने भी यह सिद्ध किया कि गठबंधन सरकारें  भी स्थिर सरकारें  हो सकती हैं। 2014 के लोक
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
21

कुमार, प्रिंस. "बिहार की राजनीति में जातिवाद". Shrinkhla Ek Shodhparak Vaicharik Patrika 11, № 9 (2024): H19—H23. https://doi.org/10.5281/zenodo.12685429.

Full text
Abstract:
This paper has been published in Peer-reviewed International Journal "Shrinkhla Ek Shodhparak Vaicharik Patrika"                      URL : https://www.socialresearchfoundation.com/new/publish-journal.php?editID=8896 Publisher : Social Research Foundation, Kanpur (SRF International)  Abstract :  भारत देश में बिहार राज्य का इतिहास, सबसे विविध में से एक है। वर्तमान समय में बिहार, राज्य राजनीतिक स्वार्थों की वजह से जहरीले जातिवाद की जकड़न से जकड़ी हुई है। बिहार की जातिगत विषमताओं के कारण बिहार के लोगों के लिए जुमला काफी लो
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
22

Suthar, Hukma Ram. "Role of Casteism in Indian Politics." RESEARCH HUB International Multidisciplinary Research Journal 10, no. 2 (2023): 90–94. http://dx.doi.org/10.53573/rhimrj.2023.v10n02.019.

Full text
Abstract:
After independence, the modern form of Indian politics developed. Therefore, the possibility was expressed that casteism would be eliminated from India once a democratic system is established in the country, but this did not happen, rather casteism has taken a radical form by entering not only in society but also in politics. Casteism in India has not only affected the economic, social, cultural and religious tendencies here, but has also completely affected the politics. Caste has played an important role in Indian politics. Not only the central but also the state level politics is affected b
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
23

अजय, कुमार ओझा, та ०. डॉ उमेश कुमार प्रो. "बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन". Journal of Research & Development 15, № 4 (2022): 53–55. https://doi.org/10.5281/zenodo.7710568.

Full text
Abstract:
इतिहास के आईने में इस बात का साक्ष्य उपलब्ध है कि बिहार बहुत ही लंबे समय से राजनीति का एक केंद्र बिंदु रहा है<sup>1</sup> 1917 में बिहार के चंपारण में महात्मा गांधी का नील की खेती करने वाले किसानों के शोषण के खिलाफ आंदोलन, तथा 1975 में आपातकाल के विरोध में जयप्रकाश नारायण का आंदोलन &ldquo; जेपी आंदोलन&rdquo; जिसके उर से बिहार के राजनीति में लालू प्रसाद यादव रामविलास पासवान एवं नीतीश कुमार की उत्पत्ति हुई तथा 1990 के दशक बिहार मंडल विरोधी एवं मंडल समर्थक दोनों का केंद्र बिहार रहा है।<sup>2</sup>&nbsp; उसी मंडल समर्थक लालू प्रसाद यादव ने बिहार की धरा पर 1997 में राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया और
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
24

Kumar, Aniruddh, and Surjit Kumar Bharti. "Evaluation of Land Use and Agricultural Development Level : A Geographical Study with Reference to Bhagalpur District (Bihar)." RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary 9, no. 12 (2024): 265–73. https://doi.org/10.31305/rrijm.2024.v09.n12.031.

Full text
Abstract:
The term ‘land’ denotes an uninhabited landmass, but when words like usage, utility, etc., are associated with it, it is understood as a land resource. Currently, land use is a significant dynamic aspect in geographical studies, as it has undergone continuous transformation from the early periods to the stages of human technological development. Under ‘land use,’ the landmass is utilized according to its natural characteristics. In its initial state, landmasses are either covered with vegetation or devoid of it. Thus, if a piece of land remains unaffected by human intervention or is being util
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
25

उपमन्यु, विभाकर. "शिक्षा में राजनैतिक हस्तक्षेप के प्रभाव का अध्ययन". International Journal For Multidisciplinary Research 04, № 04 (2022): 151–54. http://dx.doi.org/10.36948/ijfmr.2022.v04i04.015.

Full text
Abstract:
शिक्षा और राजनीति के बीच एक जोड़ने वाला सेतु है। शिक्षा ज्ञान का सबसे निकटतम सहयोगी हो सकता है। शिक्षा की प्राथमिक भूमिका एक छात्र के पढ़ने, समझ और समझ में सुधार के माध्यम से शिक्षित करना ही है। कभी पेड़ों के नीचे जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते छात्र, कभी तख्ती पर इमला लिखते छात्र और कभी अपने हाथों पर अध्यापकों से डंडे खाते छात्र, शिक्षा की पवित्रता, गुणवत्ता और महत्ता को दर्शाते थे। तब बैठने को सुविधाजनक डेस्क न सही, स्मार्ट क्लासरूम न सही, पर शिक्षा सौ फीसदी खरी थी। तब विद्यालय से निकलने वाला छात्र सोने की तरह तप कर खरा निकलता था। छात्र-शिक्षक का रिश्ता मर्यादा और अपनेपन की आभास लिए एक सुखद
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
26

पाण्डेय, डॉ प्रवेश कुमार, та रमन उपाध्याय. "पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजनीति जीवन". International Journal of Social Science and Education Research 2, № 1 (2020): 22–26. http://dx.doi.org/10.33545/26649845.2020.v2.i1a.13.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
27

सौरभ, कुमार, та नेहा गुप्ता. "भारतीय लोकतन्त्र एवं जातिवादी राजनीति". International Journal of Political Science and Governance 1, № 2 (2019): 17–20. http://dx.doi.org/10.33545/26646021.2019.v1.i2a.15.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
28

खरेल, अश्वस्थामा भक्त. "बदलिँदो राजनीति र राष्ट्रिय मुद्दाहरू". Journal of Development Review 6, № 01 (2021): 94–101. http://dx.doi.org/10.3126/jdr.v6i01.66944.

Full text
Abstract:
पत्रकारिता राज्य व्यवस्थाका लागि पहरेदारको विषय हो । यसमा को कति सफल र असफल भए ? पेसामा लाग्नेहरु आफैले मूल्याङ्कन गर्ने विषय हो । सफल हुनु भनेको मनग्य धनोपार्जन होइन, पत्रकारितामा निरन्तरता हो । धनोपार्जन क्षणिक हुन्छ । धनकमाउनका लागि पत्रकारितामा पसेकाहरु सफल हुन नसकेपछि पेसा परिवर्तन गर्न पुग्दछन् । तर जो मनदेखि पत्रकारिता पेसामाछिरेका हुन्छन्, उनीहरु आजीवन विद्यार्थी र यात्रीको रुपमा आफ्नो पेसामा रमाइरहेका हुन्छन् । अथक परिश्रमले नै सफलतादिन्छ । पत्रकारितामा लाग्ने पत्रकारहरु विचार पक्षमा अलग अलग धारणा भए पनि पेसागत विषयमा एक हुनुपर्दछ । पत्रकारहरुएक भएनन् भने राजनीतिक दल र सरकारले तिनीहरु
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
29

Singh, Bharat. "Politicization of Caste in India." Research Review Journal of Social Science 4, no. 1 (2024): 20–24. http://dx.doi.org/10.31305/rrjss.2024.v04.n01.004.

Full text
Abstract:
After gaining independence, the modern form of Indian politics began to develop. It was expected that with the establishment of a democratic system, casteism in India would come to an end. However, the opposite happened. Casteism not only persisted in society but also infiltrated politics, taking on an aggressive form. Casteism has not only influenced India's economic, social, cultural, and religious tendencies but has also significantly impacted politics. Caste has played a crucial role in Indian politics. Not only central but also state-level politics have been affected by casteism, which po
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
30

Yadav, Vijay Singh, and Virendra Singh. "The Struggling Woman in Ramanika Gupta's Autobiography ‘Haadse’." RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary 9, no. 12 (2024): 201–4. https://doi.org/10.31305/rrijm.2024.v09.n12.025.

Full text
Abstract:
Ramanika Gupta is a prominent name among the celebrated women writers who have played a significant role in Indian politics. Born into an affluent family in Punjab, Ramanika Gupta's story is not just about a woman who actively and courageously participated in Indian politics but, as Rajendra Yadav puts it, "her journey is both a history and a development of the dramatic twists of Indian politics." The first part of Ramanika Gupta's autobiography, ‘Haadse’ (Accidents), is a significant document of Indian politics that portrays the realities of political struggles, conspiracies, and authoritaria
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
31

VINOD, KUMAR. "CHHADM RAJNEETI KE PRTI SANGHRSHSHEEL DARISHTIKON : SURANG MEN SUBH." नवीन शोध संसार I, no. XIV (2016): 166. https://doi.org/10.5281/zenodo.8197032.

Full text
Abstract:
इस उपन्यास में भारतीय राजनीति की छद्मता को उद्घाटित करने का&nbsp;प्रयास किया गया है। लोक और तंत्र की यथार्थ स्थिति पर लेखक ने व्यंग्य करते हुए दिखाया है कि लोकतंत्र में लोक हाशिए पर है और सत्ता अवसरवादियों के हाथ में है। व्यवसाय बन चुकी राजनीति में भ्रष्टाचार, लोलुपता, अपराध आदि का बोलबाला है।&nbsp;
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
32

कुमार, प्रवीण, та मंजू सोलंकी. "भारत में गठबंधन की राजनीति : एक विश्लेषक". Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education 20, № 4 (2023): 813–18. https://doi.org/10.29070/hk1ae343.

Full text
Abstract:
गठबंधन की राजनीति भारतीय राजनीति का एक मुद्दा है. भारतीय राजनीति गठबंधन की राजनीति में तालमेल बिठाने की पूरी कोशिश कर रही है। सरकार का लोकतांत्रिक स्वरूप जनता की राय पर निर्भर करता है और इसके निर्वाचित नेता को सरकार में सर्वोच्चता प्राप्त होती है। जब सभी दल जो एक विशेष सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम को लागू करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत होते हैं, लेकिन एक नई पार्टी बनाने के लिए विलय नहीं करते हैं, तो यह कहा जा सकता है कि उन्होंने गठबंधन सरकार बना ली है। गठबंधन सरकार सरकार का एक नया रूप है और सत्ता साझा करने का एक साधन है। संविधान छोटे और क्षेत्रीय दलों को विचारों की अभिव्यक्ति और लोकतांत्रिक अ
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
33

प्रेमपाल. "बुक्सा जनजाति में सामाजिक परिवर्तनः एक समाज शास्त्रीय अध्ययन". International Journal of Science and Social Science Research 2, № 3 (2024): 90–92. https://doi.org/10.5281/zenodo.14061887.

Full text
Abstract:
भारत के उत्तराखण्ड हिमालय के दक्षिणी ढलान पर मानव-आवास योग्य निचली पर्वत श्रेणियों एवं घाटियों में आठ पर्वतीय जनपद- पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, पौढ़ीगढ़वाल, चमोली, टेहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी एवं देहरादून और जनपद ऊधमसिंह नगर स्थित हैं। इन सब जिलों के भू-भाग को सम्मिलित रूप में उत्तराखण्ड कहा जाता है। जो इस समय दो प्रशासनिक इकाईयों में विभाजित है, कुमाऊँ मण्डल उक्त प्रथम चार जिले कुमाऊँ का लगभग 4/5 भाग आ जाता है। इसमें पिथरौगढ़़, एवं अल्मोड़ा जिले का सम्पूर्ण भू-भाग नैनीताल जिले क्षेत्र में आता है। नैनीताल जिले की तराई में शताब्दियों से थारू और बुक्सा जनजाति निवास करती आयी हैं। थारू जनजाति अपना स
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
34

कोइराला Koirala, नरेन्द्रप्रसाद Narendraprasad. "‘राजनीति’ कथामा सबाल्टर्न 'Rajniti' Kathama Subaltarn". JMC Research Journal 7, № 1 (2021): 62–70. http://dx.doi.org/10.3126/jmcrj.v7i1.34378.

Full text
Abstract:
प्रस्तुत लेखमा कथाकार नारायण ढकालद्वारा लिखित ‘राजनीति’ कथालाई सबाल्टर्नसिद्धान्तका कोणबाट विश्लेषण गरिएको छ । समाजमा सदियौंदेखि रहेर अमूल्य योगदान गरेपनि इतिहास लुकाइएका, अधिकार खोसिएका, आवाज दबाइएका, कमजोर तथा अपहेलितसमुदाय नै समग्रमा सबाल्टर्न हो । सबाल्टर्न एउटा छाता शब्द भएकाले यसभित्र धेरै कुराअटाउन सक्ने भए पनि यस लेखमा विवेच्य कथामा रहेको वर्गीय, जातीय र वैचारिकसबाल्टर्नको अवस्था अनि उनीहरूको सामाजिक स्थान, प्रभुत्व र प्रतिरोधको अवस्थाकोविश्लेषण गरिएको छ । यस कथामा वर्गीय, जातीय, वैचारिक सबाल्टर्नका रूपमा माझीपरिवार रहेको छ भने मुखिया तथा अन्य कर्मचारीहरू गैरसबाल्टर्न वर्गका प्रतिनिधिक
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
35

ढकाल Dhakal, रजनी काफ्ले Rajani Kafle. "नेेपाली कथामा तेस्रो लिङगी शरीरमाथिको राजनीति". Patan Pragya 13, № 1 (2024): 133–44. http://dx.doi.org/10.3126/pragya.v13i1.71191.

Full text
Abstract:
प्रस्तुत अध्ययन समकालीन नेपाली कथामा तेस्रो लिङ्गी शरीरमाथि गरिने राजनीतिको अध्ययनमा केन्द्रित छ । शक्तिका आधारमा कुनै पनि शरीरमाथि गरिने दमन र वर्चस्वशाली व्यक्तिले कमजोर शरीरमाथि गरेको दोहनलाई शरीर राजनीति भनिन्छ । पछिल्लो समयमा तेस्रो लिङ्गीका संवेदना र भोगाइलाई विषय बनाएर कथा लेख्ने क्रम बढेको छ । अन्य शरीरभन्दा पृथक् देखिने र प्रायःजसो समाजमा अस्वीकृत जस्तो मानिने शरीरमाथि अझ बढी उपेक्षा, दमन र शोषण भएको स्थिति छ । समकालीन नेपाली साहित्यमा कथाका चरित्रका रूपमा प्रस्तुत गरिएका तेस्रो लिङ्गीका विषयले समाजको अवस्थालाई चिनाएको छ भन्ने केही तथ्य पूर्वअध्ययनमा भए पनि तिनको सूक्ष्म अध्ययन नभएको
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
36

शर्मा, पूनम. "भारतीय राजनीति में जाति की भूमिका". International Journal of Political Science and Governance 6, № 1 (2024): 360–61. http://dx.doi.org/10.33545/26646021.2024.v6.i1e.370.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
37

चैधरी, डाॅ॰ सुशील कुमार. "संवेदनशील समाज एवं संस्कृतनिष्ठ भारतीय राजनीति". International Journal of Advanced Academic Studies 1, № 1 (2019): 140–41. http://dx.doi.org/10.33545/27068919.2019.v1.i1a.359.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
38

भारती, निरंजन कुमार. "भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी". International Journal of Political Science and Governance 5, № 1 (2023): 95–96. http://dx.doi.org/10.33545/26646021.2023.v5.i1b.207.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
39

Kumar, Balendra, та Dr Arvind Kumar. "भारतीय राजनीति में युवाओं का योगदान". International Journal of Political Science and Governance 4, № 2 (2022): 155–61. http://dx.doi.org/10.33545/26646021.2022.v4.i2b.331.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
40

Ashutosh, Partheshwar. "Chand Ki Rajniti (चाँद की राजनीति)". Anusandhan 17-18, January-December 2021 (2023): 39–69. https://doi.org/10.5281/zenodo.8175708.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
41

अजय, कुमार ओझा. "चुनावी राजनीति में बिगड़ती भारतीय संस्कृति". 'Journal of Research & Development' 14, № 18 (2022): 8–12. https://doi.org/10.5281/zenodo.7431441.

Full text
Abstract:
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन लोकप्रिय, अमिट, निरंतर गतिमान एवं समृद्ध संस्कृति है। इसे संसार की सभी संस्कृतियों की जननी के श्रेय से अलंकृत किया गया है, या यूं कहा जाए कि संसार की समस्त संस्कृतियों की जननी भारतीय संस्कृति ही हैं। प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात होता रहा है। आर्यों की समृद्ध संस्कृति यवनो यहूदियों मुस्लिमो एवं अंग्रेजों के कुठाराघात का सामना करते हुए भी अपने आप को जीवंत एवं सर्वाधिक समृद्ध कायम करने में सफल रही है। जीने की कला हो या विज्ञान और राजनीति का क्षेत्र भारतीय संस्कृति का सदैव विशेष स्थान रहा है। हमारी संस्कृति को हमारे महापुरुषों, मनीषियों, वेदों,
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
42

ओझा, डॉ. अजय कुमार. "भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी". International Journal of Advance and Applied Research 5, № 44 (2024): 226–29. https://doi.org/10.5281/zenodo.14711465.

Full text
Abstract:
<strong>सारांश</strong><strong>:-</strong> आधुनिक भारतीय राजनीति में कई ऐसी महिलाएं रही है, जिनकी ऐतिहासिक भूमिका से हम भलीभांति परिचित है। स्वतंत्रता के आंदोलों के दौरान से लेकर आजाद भारत में सरकार चलाने तक में महिलाओं की राजनीतिक भूमिका और पहल अहम रही है। बावजूद इसके जब राजनीति में महिला भागीदारी की बात आती है तो आंकड़े बेहद निराशाजनक तस्वीर पेश करते हैं। प्रत्यक्ष (एक्टिव पॉलिटिक्स में महिलाओं की भागीदारी) और अप्रत्यक्ष (बोटर्स के रूप में भागीदारी) दोनों स्तर पर ही भारी गैर-बराबरी से हमारा मुठभेड होता है। विश्वस्तर पर अगर भारत की एक्टिव पॉलिटिक्स में महिलाओं की स्थिति की बात करें तो भारत 19
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
43

राजेश, चन्द्र पालीवाल. "अरस्तू राजनीति विज्ञान के जनक के रूप में". Recent Researches in Social Sciences & Humanities (ISSN: 2348 – 3318) 9, № 2 (Apr.-May-June) (2022): 79–82. https://doi.org/10.5281/zenodo.6844251.

Full text
Abstract:
<em>आधुनिक राजनीति विज्ञान का क्षेत्र उन्हीं सिद्धान्तों पर टिका हुआ है जो अरस्तू ने हजारों वर्ष पूर्व प्रतिपादित किए थे। राजनीति विज्ञान का वर्तमान ढाँचा अरस्तू की ही परिकल्पना पर आधारित है। अरस्तू के विचारों में जितनी सजीवता. परिपक्वता और स्थायित्व है</em><em>, </em><em>उसके आधार पर ही अरस्तू को राजनीति विज्ञान का जनक माना जाता है।अरस्तु ने अपने ग्रंथ पॉलिटिक्स की सातवीं पुस्तक में अपने आदर्श राज्य का वर्णन किया है। अरस्तु के आदर्श राज्य का विचार उसका मौलिक विचार नहीं है। उसने मुख्य रूप से उसे प्लेटो के ग्रंथ लाज में वर्णित विधि अनुसार प्रशासित उपादर्श राज्य से ग्रहण किया है। इसीलिए अरस्तु क
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
44

डॉ, कुमार मंगलम पाण्डेय. "वर्तमान राजनीति में कौटिल्य के अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता". 'Journal of Research & Development' 14, № 23 (2022): 39–41. https://doi.org/10.5281/zenodo.7524387.

Full text
Abstract:
भारतीय राजनीतिक चिंतन के इतिहास में कौटिल्य का अपूर्व योगदान रहा उनके योगदान को लेकर ही उन्हें भारतीय राजनीतिक चिंतन का जनक माना जाता है। कौटिल्य का अर्थशास्त्र प्राचीन भारतीय राजनीति का सबसे अधिक स्पष्ट वैज्ञानिक एवं विस्तृत ग्रंथ है जिसके आधार पर ही तत्कालीन राजनीतिक विचारों एवं संस्थाओं का परिचय प्राप्त होता है। आज की राजनीति में या यूं कहें की सर्वकालिक राजनीति में अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी कौटिल्य के अनुसार राजा कुलीन, प्रशिक्षित, मृदुभाषी होना चाहिए शासक के रूप में राजा की मानसिक क्षमता को बढ़ाने वाले नैतिक गुण भी उसके अंदर होना चाहिए उसे इंद्रिय जयी, विद्या अनुरागी, स्मृ
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
45

Kumar, Uday. "Political discourse and novels of the new century." RESEARCH HUB International Multidisciplinary Research Journal 9, no. 6 (2022): 23–26. http://dx.doi.org/10.53573/rhimrj.2022.v09i06.005.

Full text
Abstract:
Politics has been an integral part of human life since ancient times, due to its important role in human life, human beings of each period have found themselves attached to it, its influence on human beings is also increasing. Politics affects society at different levels and individual life in one way or the other. Being the unit of society, the individual cannot remain untouched by the influence of politics. If any new consciousness emerges in the society, then political effects are also visible in it. Politics has such a profound effect on society that the personality of man cannot remain in
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
46

चौधरी, डॉ रजनी. "भू राजस्व प्रशासन में तहसीलदार संवर्ग में भर्ती व्यवस्था". SDES-International Journal of Interdisciplinary Research 2, № 5 (2021): 289–98. http://dx.doi.org/10.47997/sdes-ijir/2.5.2021.289-298.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
47

Yachika. "हरित राजनीति और वैश्विक दक्षिण: नीतिगत चर्चा में पर्यावरण न्याय की खोज". Shodh Prakashan 2, № 5 (2025): 8–18. https://doi.org/10.5281/zenodo.15314911.

Full text
Abstract:
जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि और पर्यावरणीय गिरावट की विशेषता वाले वैश्विक पर्यावरणीय संकट ने ग्लोबल साउथ को असमान रूप से प्रभावित किया है। पर्यावरणीय स्थिरता, न्याय और सामाजिक समानता की वकालत करने वाली हरित राजनीति इन क्षेत्रों में नीतिगत चर्चा को नया रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह शोधपत्र ग्लोबल साउथ के संदर्भ में हरित राजनीति और पर्यावरणीय न्याय के प्रतिच्छेदन की खोज करता है, जो इन देशों द्वारा सतत विकास की खोज में सामना की जाने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करता है। ग्लोबल साउथ के विभिन्न हिस्सों से केस स्टडीज़ की जाँच करके, यह शोध ऐतिहासिक असमानताओं, सामाजिक-आर्थिक
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
48

Dr., Shailendra Kumar gutam. "प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास". International Educational Applied Research Journal 08, № 09 (2024): 4–7. https://doi.org/10.5281/zenodo.13826120.

Full text
Abstract:
प्राचीन भारत में विभिन्न विज्ञान की शाखाओं जैसे गणित, ज्योतिष, कृषि, रसायन, वास्तु विज्ञान, भू-विद्या, चिकित्सा विज्ञान, प्राणी वनस्पित विज्ञान, धातु शिल्प आदि का महत्वपूर्ण विकास हुआ । जो आधुनिक विज्ञान के विकास में मजबूत आधार का कार्य करता है।
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
49

गौरव, डाॅ॰ नीतु. "भ्रष्टाचार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और भारतीय राजनीति". International Journal of Political Science and Governance 2, № 1 (2020): 109–10. http://dx.doi.org/10.33545/26646021.2020.v2.i1b.41.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
50

अजय, कुमार ओझा. "वर्तमान राजनीति में राज्यपाल की विवादास्पद भूमिका". International Journal of Advance and Applied Research 4, № 22 (2023): 26–29. https://doi.org/10.5281/zenodo.8146298.

Full text
Abstract:
राज्यों में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए तथा सामाजिक एवं आर्थिक विकास कार्यों को संचालित करने के लिए हमारे संविधान वेताओं ने संसदात्मक शासन व्यवस्था के साथ-साथ एकात्मक शासन व्यवस्था के कुछ गुणों को अपनाया । विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों एवं नीतियों को व्यवहारिक रूप प्रदान करने के लिए कार्यपालिका का गठन किया गया है। हमारे देश के संघीय शासन की भांति भारतीय राज्यों में भी कार्यपालिका के तीन स्वरूप भारतीय संविधान के भाग 6 के अनुच्छेद 153 से 167 में वर्णित है। भारतीय संविधान के अनुसार राज्यपाल राज्य स्तर पर संवैधानिक प्रमुख होता है। कार्यपालिका का प्रमुख होने के नाते वह राज्य के प्रमुख के रूप
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
We offer discounts on all premium plans for authors whose works are included in thematic literature selections. Contact us to get a unique promo code!