Academic literature on the topic 'भाषा-विज्ञानी'

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Journal articles on the topic "भाषा-विज्ञानी"

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विवेक, आत्रेय. "हिन्दी भाषा राष्ट्र भाषा के रूप में". International Educational Applied Research Journal 09, № 05 (2025): 248–53. https://doi.org/10.5281/zenodo.15595673.

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Abstract:
विश्व में अनेक प्रकार की आषा के दवारा वाचन कार्य किया जाता है। प्रत्येक राष्ट्र की अपनी आधिकारि भाषा है। राष्ट्रभाषा समस्त राष्ट्र या पूरे देश का प्रतिनिधित्व करती है। भाषा वह साधन है जिसके माध्यम से प्राणी अपने आवों को दूसरों पर अभिव्यक्त करता है। भाषा ऐसी दैवी शक्ति है, जो मानव को मानवता प्रदान करती है। जिसे ताणी का वरदान प्राप्त होता है, वह ऊँचे से ऊँचे पद पर विराजमान हो सकता है तथा अक्षय कीर्ति का अधिकारी भी बन सकता है और दूसरी तरफ अवांछनीय वाणी मनुष्य के उत्थान के स्थान पर पतन की ओर अग्रसर करती है। जिस भाषा में शासक या शासन का कार्य किया जाता है उसे राजभाषा का दर्जा दिया है। जब भारतीय संव
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Budha, Man Bahadur. "नेपाली भाषा शिक्षणमा सम्प्रेषणात्मक भाषा शिक्षण पद्धतिको औचित्य". AMC Multidisciplinary Research Journal 4, № 1 (2025): 157–63. https://doi.org/10.3126/amrj.v4i1.78692.

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Abstract:
यो अध्ययनले नेपालका शैक्षिक सन्दर्भमा सम्प्रेषणात्मक भाषा शिक्षण विधिको प्रभावकारिता र चुनौतीहरूको विश्लेषण गरेको छ। अनुसन्धानले मुख्य रूपमा सम्प्रेषणात्मक भाषा शिक्षण विधिले विद्यार्थीहरूको भाषाशिक्षण प्रक्रियामा, शिक्षकहरूको अनुभवमा र कक्षा कक्षको वातावरणमा के कस्तो प्रभाव पार्दछ भन्ने कुरामा केन्द्रित छ। सम्प्रेषणात्मक भाषा शिक्षण एक आधुनिक शिक्षण विधि, संवाद र विद्यार्थी केन्द्रित शिक्षणमा जोड दिन्छ, जुन परम्परागत व्याकरण अनुवाद विधिको तुलनामा धेरै भिन्न छ, जुन नेपालका शैक्षिक प्रणालीमा प्रचलित छ। यस अध्ययनमा गुणात्मक अनुसन्धान विधिहरू, जस्तै शिक्षक र विद्यार्थीहरूको साक्षात्कार र कक्षा अव
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मिश्रा, आशा. "हिन्दी भाषा में वर्तनी सम्बन्धि अशुद्धियों का मनोभाषा वैज्ञानिक, समाज भाषा वैज्ञानिक व शैक्षणिक भाषा वैज्ञानिक, अध्ययन". Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education 21, № 6 (2024): 183–89. https://doi.org/10.29070/embwqf29.

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Abstract:
इस शोधपत्र में हिन्दी भाषा में होने वाली अशुद्धियों का मनोभाषा वैज्ञानिक, समाज भाषा वैज्ञानिक व शैक्षणिक भाषा वैज्ञानिक अध्ययन किया गया है। जिसमें मनोभाषा, समाज भाषा व शैक्षणिक भाषा में होने वाली वर्तनीगत अशुद्धियों को इंगित किया गया है तथा उनका उचित निवारण के सम्बन्ध में अध्ययन किया गया है।
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अधिकारी Adhikari, भारती Bharati. "दोस्रो भाषाका रूपमा नेपाली भाषा शिक्षण {Teaching Nepali language as a second language}". Educational Journal 2, № 2 (2023): 173–79. http://dx.doi.org/10.3126/ej.v2i2.61900.

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Abstract:
सिकारुले अतिरिक्त भाषिक आवश्यकता परिपूर्ति गर्ने हेतुले सिक्ने भाषालाई दोस्रो भाषा भनिन्छ । यो भाषा पहिलो भाषा प्राप्त गरिसकेपछि सिकिने भाषा हो । यसलाई भाषा सिकाइको आर्जन प्रक्रियाका रूपमा परिभाषित गरिएको पाइन्छ । दोस्रो भाषालाई विमातृभाषा, द्वितीयक भाषा तथा सहायक भाषा पनि भन्ने गरिएको पाइन्छ । दोस्रो भाषा औपचारिक, अनौपचारिक एवम्व्यक्तिगत प्रयासबाट सिक्न सकिने हुन्छ । वस्तुतः यो भाषा सिकाइका क्रममा व्यापक र सीमित दुबै प्रकृतिको भाषिक वातावरणको सुविधा सिकारुलाई प्राप्त हुन्छ । प्रस्तुत आलेखमा दोस्रो भाषाका रुपमा नेपाली भाषा शिक्षणको सैद्धान्तिक अवधारणा अनुरेखाङ्कन गरिएको छ । यस आलेखको तयारीका क
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शाह, डॉ.राखी.के. "भाषा और समाज, हिंदी भाषा पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव". International Journal of Advance and Applied Research 5, № 23 (2024): 568–71. https://doi.org/10.5281/zenodo.13683073.

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Abstract:
सारांश  :-मेरी भाषा में तोते भी राम राम जब कहते हैं,मेरे रोम रोम में मानो सुधा-स्रोत तब बहते हैं ।सब कुछ छूट जाय मैं अपनी भाषा कभी न छोड़ूंगा,वह मेरी माता है उससे नाता कैसे तोड़ूंगा ।।                                                                                                                 मैथिलीशरण गुप
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तिवारी, सत्यपाल. "मुक्तिबोध की कथा भाषा". Humanities and Development 17, № 2 (2022): 111–17. http://dx.doi.org/10.61410/had.v17i2.81.

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Abstract:
मुक्तिबोध की कथा साहित्य की भाषाः- भाषा 26 और अर्थ का सत्युज्य है वह शब्दार्थों का संवहन करने वाली होती है। अर्थो का जितना है संबल और प्रांजल वहन भाषा करेगी । वह उतनी है बलवती और अर्थवती होगी। यही भाषारथी शक्ति है। भाषा निरन्तर परिवर्तन और विकास की प्रक्रिया से गुुजरती चलती है। अपने को समयानुकूल बनाती चलती है यह उसका गुण है। चाहे वह काव्य की भाषा हो या कि गद्य की हिन्दी भाषा हो या फिर अन्य कोई भाषा। गद्य के विकास में साथ ही साथ उसकी भाषा संरचना के विकास की भी प्रक्रिया निरन्तर उतार-चढ़ाव से होकर गुजर रही है। जैसे-जैसे गद्य रूपों का विकास और विस्तार बढ़ रहा है वैसे ही भाषा से सम्बन्धित नयी-नयी सम
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विष्ट Bista, वासुदेव Bashudev. "दार्चुलेली भाषामा ऊर्जावत् पदसङ्गति (Conjugation in Darchuleli Language)". KMC Journal 5, № 2 (2023): 362–85. http://dx.doi.org/10.3126/kmcj.v5i2.58251.

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Abstract:
दार्चुलेली मातृभाषा नेपालको सुदूरपश्चिम प्रदेशको नेपाली मातृभाषा हो । गढवाली, कुमाउनी, दार्चुलेली मातृभाषा पहाडी भाषा हुन् । नेपाली मातृभाषालाई परम्परागत रूपमा पूर्वी पहाडी भाषा भन्न सकिन्छ तर कुमाउनी र दार्चुलेली, बैतडेली, डडेल्धुरेली महाकाली वारिपारि बोलिने भाषा हुन् । ‘भाषा र भाषिका’ भन्ने शब्द समाज भाषा विज्ञानका पारिभाषिक शब्द हुन् । राजनीतिलाई अघि नसारी कुनै पनि मातृभाषालाई ‘भाषा’ हो कि ‘भाषिका’ भनेर छुट्ट्याउन सकिदैन । डेभिड क्रिस्टल (सन् २००३) ले के भनेका छन् भने जुन भाषालाई राष्ट्रिय झण्डा र सेनाले परिभाषित गर्छ, त्यो चाहिँ भाषा हो भने, जुन भाषा राष्ट्रिय झन्डा र सेनाले सुसज्जित हुँदै
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प्रा, डॉ श्रीहरी चव्हाण. ""भाषिक संशोधन पद्धती एक अभ्यास"". International Journal of Advance and Applied Research 2, № 21 (2022): 51–54. https://doi.org/10.5281/zenodo.7052511.

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Abstract:
<strong>प्रस्तावना:</strong> मानवी जीवनामध्ये अत्यंत महत्त्वाचा घटक म्हणजे भाषा आहे. मानवी जीवनाला भाषाशिवाय अर्थ नाही. भाषा ही मानवी जीवनाला प्राप्त झालेली फार मोठी देणगी आहे. भाषा ही मानवनिर्मित आहे. त्यामुळे मानवी भाव भावना भाषेमधूनच व्यक्त होतात. मानवी जीवनामध्ये आमलाग्र बदल घडवून आणण्याचे सामर्थ्य हे फक्त भाषेमध्येच आहे. भाषा ही मानवी जीवनाचा एक महत्त्वाचा घटक आहे. भाषेची मानवी जीवनाशी समाज जीवनाशी अतूट नाते दिसून येते.&nbsp; माणूस जसा परिवर्तनशील आहे तशीच भाषा ही परिवर्तनशील आहे. कालपत्वे भाषेमध्ये बदल होत असतात. जगातील कोणतीही भाषा संकेतावर आधारलेली आहे. भाषा शिकणे म्हणजे संकेत शिकत असत
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गौतम, वासुदेव. "नेपाली र माझी भाषामा व्याकरणात्मक कोटिको तुलना". Pragyaratna प्रज्ञारत्न 6, № 1 (2024): 96–109. http://dx.doi.org/10.3126/pragyaratna.v6i1.64541.

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Abstract:
नेपाल बहुभाषिक देश हो । यहाँ करिब १२४ ओटा भाषाका वक्ताहरु रहेका छन् । विश्वमा बोलिने विभिन्न भाषा परिवारहरुमध्ये नेपालमा छओटा भाषा परिवारका भाषाहरु बोलिन्छ । ती भाषा परिवारमध्ये भारोपेली भाषा परिवारे एक हो । यसै परिवारभित्र बोलिने भाषा हो माझी भाषा । यो भाषाका बक्ताहरु वि.सं. २०७८ सालको जनगणनाअनुसार करिब १० हजार अर्थात् ०.०१२ प्रतिशत छन् । यो भाषाका वक्ताहरु विभिन्न नदीका किनारमा छरिएर बसेबास गर्दै आएका छन् । यिनीहरु माछा मारेर आफ्नो जीविकोपार्जन गर्दै आएका छन् । माझीहरुले बोल्ने भाषा भएकाले यो भाषाको नाम माझी भाषा रहेको छ । यो भाषा पिछडिएको भाषाको वर्गमा पर्दछ । त्यसैले यो भाषाको बारेमा कँही
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डॉ., यशवीर दहिया. "डॉ. रामकुमार घोटड़ की लघुकथाओं में समाज के विभिन्न पक्ष". International Journal of Advance Research in Multidisciplinary 1, № 1 (2023): 923–25. https://doi.org/10.5281/zenodo.15051696.

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Abstract:
दर्शन मिलवा के उपन्यासों की भाषा, सरल, प्रवाहमयी और संवेदनशील है, उन्हें किसी एक भाषा विशेष में बंधना स्वीकार नहीं है। वे बोलचाल की भाषा का प्रयोग करते हैं, जिससे पात्र और संवाद सस्ती वास्तविक प्रतीत होते हैं। उनकी भाषा में संजीव वर्णन, भावात्मक गहराई, काव्यात्मक सौन्दर्य और समाज क्या यथार्थ प्रतिबिम्ब होता है। संवाद प्रधानता, रूपकों व प्रतीकों का प्रयोग भी उनकी भाषा को प्रभावशाली बनाता है। इस प्रकार उनकी भाषा पाठकों को कथानक से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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More sources

Dissertations / Theses on the topic "भाषा-विज्ञानी"

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Yanjan, Yash. "Bharatma Nepali bhasa r sahityako uthanma parasmani pradhanle gareko yogdanko bislesonatak mulyankan भारतमा नेपाली भाषा र साहित्यको उत्थानमा पारसमणी प्रधानले गरेका योगदानको बिश्लेषणात्मक मुल्यांकन". Thesis, University of North Bengal, 1999. http://hdl.handle.net/123456789/1723.

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Pradhan, Mahesh. "Toto bhashako barnanatmak bislesan टोटो भाषाको बर्णनात्मक विश्लेषण". Thesis, University of North Bengal, 2011. http://hdl.handle.net/123456789/1704.

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Rai, राई Binita विनीता. "Darjeelingma nepali bhasha-sahityako vikashma isai missionaryharuko shatabdibyapee yogdaan: adhyayan ra mulyankan दर्जीलिंगमा नेपाली भाषा साहित्यको विकाशमा इसाई मिसनरीहरुको शताब्दिव्यपी यौगदन: अध्ययन र मुल्यांकन". Thesis, University of North Bengal, 2018. http://ir.nbu.ac.in/handle/123456789/2728.

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Parvaz, Ahmad Bénédicte. "Production de ressources multilingues pour l'aide à la traduction du droit pénal en hindi, ourdou et français." Thesis, Paris, INALCO, 2019. http://www.theses.fr/2019INAL0017.

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Abstract:
Comment concilier l’impératif d’assistance linguistique à toute personne ne parlant pas français et l’absence de ressources linguistiques standardisées pour traduire des combinaisons de langues génétiquement et culturellement distantes~? C’est le problème posé par la traduction du hindi et de l’ourdou en France dans le contexte judiciaire. Le hindi et l’ourdou, langues sœurs parlées en Inde et au Pakistan, ont des liens distants avec le français. Les systèmes judiciaires dont elles sont le moyen d’expression proviennent de l’héritage colonial britannique qui repose sur la common law. Ce travai
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Book chapters on the topic "भाषा-विज्ञानी"

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"Hindi Bhasha Scientific and Technological Development." In Educational Transformation in Digital ERA, edited by Suman Devi. NIILM University, 2024. https://doi.org/10.70388/niilmub/241204.

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Abstract:
आज हिंदी विश्व पटेल पर प्रथम भाषा बनने का दवा रखती है जिसका प्रमुख कारण तकनीकी विकास सूचना प्रौद्योगिकी की पत्राचार मीडिया अनुवाद वह जनसंपर्क के कारण हिंदी भाषा का बढ़ता प्रचार एवं प्रसार आज हिंदी के प्रसार व प्रचार का प्रमुख कारण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सामर्थ व शक्तिशाली भाषा के रूप में हिंदी का विकास होता स्वरूप है आदि जननी संस्कृत भाषा निरोध श्रीत हिंदी भाषा की राजभाषा संपर्क भाषा तथा अनेक बोलियां वह अप बलियो के मध्य अंतर संबंधों के कारण समन्वय आत्मक भाषा है हिंदी साहित्य में हृदय की भाषा है कुछ वर्षों पूर्व हिंदी भाषा में परिभाषित शब्दावली वह संस्कृत के साहित्य का अभाव था परंतु कुछ स्थिति बदल चुकी है आज हिंदी भाषा में विज्ञान शब्दावली वह पारिभाषिक शब्दावली का अभाव नहीं है वैज्ञानिक शब्दावली में शब्द का एक सटीक अर्थ ग्रहण किया जाता है इसमें साहित्य के समान किसी भी शब्द को लक्षण या व्यंजन शब्द शक्तियों के आधार पर विश्लेषित नहीं किया जाता हिंदी में अन्य भारतीय भाषाओं में तकनीकी का प्रचार प्रसार व योगदान बढ़ रहा है आज संपूर्ण जीवन से तकनीक व प्रौद्योगिकी माध्यम से अभिभूत है आज सुबह एक अलार्म की आवाज के साथ उठने से लेकर रात को सोने तक पूर्ण रूप से तकनीकी माध्यमों का प्रयोग करते हैं शिक्षा समाज तकनीकी आधारित हो गई है शॉपिंग बैंकिंग पैसे का लेनदेन टिकट बुकिंग ई लर्निंग स्मार्ट स्टडी आदि कुल मिलाकर जीवन के हर क्षेत्र में तकनीकी का प्रयोग होता है यह तकनीकी विकास हिंदी भाषा के क्षेत्र में ही प्रचुरता से हुआ है हिंदी भाषा में टाइपिंग की बात करें तो इसमें यूनिकोड नॉन यूनिकोड अर्थात कई प्रकार के सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है ए शासन प्रणाली में संपूर्ण जगत को समेट दिया गया है तथा आई प्रणाली का सबसे प्रमुख लाभ यह है कि नागरिकों का सरकारी कार्यालय के अधिक से अधिक चक्कर नहीं काटने पड़ते अभी तो घर बैठे ही मोबाइल में लैपटॉप इंटरनेट के माध्यम से समस्त कार्य व्यवहार कर सकते हैं कार्यालय में संस्थाओं के समस्त कार्य व्यवहार पत्राचार प्रमाण पत्र दस्तावेज बिल बुकिंग भुगतान आदि सभी कार्य घर बैठे आसानी से किया जा सकते हैं भारत में आई शासन प्रणाली की शुरुआत 2006 में हुई थी तथा अब तक इनका निरंतर विकास हो रहा है सूचना क्रांति मानव सभ्यता के विकास की सबसे बड़ी क्रांति है आज हम घर बैठे मात्र एक क्लिक से संपूर्ण विश्व के बारे में सूचनाओं प्राप्त कर सकते हैं वर्तमान में सामाजिक परिवर्तनों का प्रमुख कारण सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी है प्रौद्योगिकी विकास में जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है इसके कारण ने केवल मनुष्य ने अपनी जानकारी को बढ़ाया पितु ज्ञान मनोरंजन संस्कृत सामाजिक व आर्थिक विकास हुआ है प्रौद्योगिकी के कारण रोजगार शिक्षा विकास स्तर को प्रभावित किया है
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