Academic literature on the topic 'वास्तुकला'

Create a spot-on reference in APA, MLA, Chicago, Harvard, and other styles

Select a source type:

Consult the lists of relevant articles, books, theses, conference reports, and other scholarly sources on the topic 'वास्तुकला.'

Next to every source in the list of references, there is an 'Add to bibliography' button. Press on it, and we will generate automatically the bibliographic reference to the chosen work in the citation style you need: APA, MLA, Harvard, Chicago, Vancouver, etc.

You can also download the full text of the academic publication as pdf and read online its abstract whenever available in the metadata.

Journal articles on the topic "वास्तुकला"

1

नारायण, अवध. "प्रारंभिक भारतीय वास्तुकला और उसकी विशेषताएँ". International Journal of Social Science and Education Research 6, № 2 (2024): 467–73. https://doi.org/10.33545/26649845.2024.v6.i2f.265.

Full text
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
2

रामेश्वरी, कुमारी 1. परमेश्वरी 2. "जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों में कला, संस्कृति और इतिहास का संगम". International Educational Applied Research Journal 09, № 05 (2025): 35–56. https://doi.org/10.5281/zenodo.15390151.

Full text
Abstract:
यह समीक्षा पत्र जोधपुर, राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कला परंपराओं की व्यापक चर्चा करता है। जोधपुर, जिसे ‘ब्लू सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है। इस शहर का इतिहास और वास्तुकला राजपूतों के गौरव और उनकी कला के अद्वितीय योगदान से भरा हुआ है। जोधपुर के शाही किलों, महलों, और हावेलियों की वास्तुकला ने न केवल राज्य की ऐतिहासिकता को परिभाषित किया है, बल्कि यह भारतीय और मुग़ल वास्तुकला के संगम का प्रतीक भी है। मेहरानगढ़ किला, उम्मेद भवन पैलेस, और जसवंत थड़ा जैसे स्थापत्य उदाहरण जोधपुर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं। पत्र में ज
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
3

सुप्रिया, सृष्टि. "बिहार में पर्यटन क्षेत्र में भविष्य का विकल्प – इस्कॉन (ISKCON)". Journal of Research and Development 14, № 23 (2022): 51–55. https://doi.org/10.5281/zenodo.7546456.

Full text
Abstract:
<strong>सारांश</strong><strong>:-</strong>प्रस्तुत शोध आलेख में पर्यटन की महत्वता को समझते हुए बिहार में पर्यटक के लिए नए अवसरों की खोज का अध्ययन किया गया है साथ ही बिहार में धार्मिक स्थल की वास्तुकला को परिभाषित करने का एक प्रयास किया गया है । बिहार हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और इस्लाम जैसे विभिन्न धर्मों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। कई पर्यटक अपनी तीर्थ यात्रा करने के लिए बिहार की यात्रा करते है। दरभंगा जैसे छोटे जिले मैं पर्याप्त समृद्धि होने के बावजूद भी राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में इसे अनदेखा किया जाता आ रहा है, यहां उचित अवसर प्राप्त नहीं है। इसका प्रमु
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
4

सुप्रिया, सृष्टि, та प्रसाद सिंह रघुबर. "बिहार में पर्यटन क्षेत्र में भविष्य का विकल्प – इस्कॉन (ISKCON)". Journal of Research and Development 14, № 23 (2022): 51–55. https://doi.org/10.5281/zenodo.7546469.

Full text
Abstract:
<strong>सारांश</strong><strong>:-</strong>प्रस्तुत शोध आलेख में पर्यटन की महत्वता को समझते हुए बिहार में पर्यटक के लिए नए अवसरों की खोज का अध्ययन किया गया है साथ ही बिहार में धार्मिक स्थल की वास्तुकला को परिभाषित करने का एक प्रयास किया गया है । बिहार हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और इस्लाम जैसे विभिन्न धर्मों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। कई पर्यटक अपनी तीर्थ यात्रा करने के लिए बिहार की यात्रा करते है। दरभंगा जैसे छोटे जिले मैं पर्याप्त समृद्धि होने के बावजूद भी राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में इसे अनदेखा किया जाता आ रहा है, यहां उचित अवसर प्राप्त नहीं है। इसका प्रमु
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
5

परमेश्वरी та कुमारी रामेश्वरी. "राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर: जोधपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों की सांस्कृतिक यात्रा". International Educational Scientific Research Journal 11, № 5 (2025): 53–57. https://doi.org/10.5281/zenodo.15388880.

Full text
Abstract:
<strong>इस शोध का उद्देश्य राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर, विशेष रूप से जोधपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों की सांस्कृतिक यात्रा पर आधारित महत्वपूर्ण पहलुओं का विश्लेषण करना है। जोधपुर, जो "सूर्य नगरी" और "नीली नगरी" के नाम से प्रसिद्ध है, अपनी वास्तुकला, किलों, महलों, मंदिरों और सांस्कृतिक धरोहर के कारण एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन चुका है। इस शहर का ऐतिहासिक महत्व राव जोधा द्वारा 1459 में स्थापित किए गए मेहरानगढ़ किले से जुड़ा हुआ है, जो जोधपुर का प्रमुख आकर्षण है।</strong> <strong>राजस्थान की वास्तुकला में राजपूत और मुग़ल शैलियों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जिसे जोधपुर के प्रमुख स्थलों जैसे
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
6

Kakkar, Shruti. "NATURE OF AESTHETIC CLASSICAL THINKING IN SECULAR SANSKRIT LITERATURE." International Journal of Research -GRANTHAALAYAH 7, no. 11 (2019): 268–73. http://dx.doi.org/10.29121/granthaalayah.v7.i11.2019.3751.

Full text
Abstract:
English: The Ramayana and the Mahabharata are considered epics, which are two representative texts of the advanced tradition of Indian literature. Their study gives the knowledge of the state of art prevailing at that time. By the time of "Ramayana" and "Mahabharata", there had been substantial development of painting, sculpture and architecture.&#x0D; Hindi: रामायण और महाभारत को महाकाव्य माना जाता है जो भारतीय साहित्य की उन्नत परम्परा के दो प्रतिनिधि ग्रन्थ हैं। इनके अध्ययन से उस समय प्रचलित कला की स्थिति का ज्ञान होता है। ''रामायण'' और ''महाभारत'' काल तक चित्रकला, मूर्तिकला व वास्तुकला का पर
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
7

Bhusal, Bhishm Kumar. "समाजशास्त्रीय आलोकमा मूर्त सम्पदाहरू". Samaj Anweshan समाज अन्वेषण 3, № 1 (2025): 104–12. https://doi.org/10.3126/anweshan.v3i1.81968.

Full text
Abstract:
पुरातत्त्व, जीवाश्म विज्ञान, ऐतिहासिकता, वास्तुकला, धार्मिक, सौन्दर्य अथवा अन्य सांस्कृतिक महत्त्व भएका भौतिक वस्तु, कलाकृति तथा पुरातात्त्विक स्थानहरूलाई मूर्त सम्पदा भनिन्छ जसमा स्मारक, भवनहरू र स्थलहरू पर्छन् । यस्ता सम्पदाहरूले समुदायको पहिचान, इतिहास, सांस्कृतिक मूल्य तथा विरासत बोकेका हुन्छन्, जसलाई समुदायले अपनत्वका साथ आÇनो गौरवका रूपले लिएको हुन्छ । अमूर्त सम्पदाहरूको समाजशास्त्रीय अध्ययन गर्दा नृवंशविज्ञानको अध्ययन, ऐतिहासिक शोध, मौखिक इतिहास, सादृश्य र अन्तर्विषयक दृष्टिकोण लगायतका दृष्टकोणबाट अध्ययन गर्न सकिन्छ । यस दृष्टिकोणबाट हेर्दा सम्पदाहरूसँग कसरी समाज जोडिएको हुन्छ र समाजले
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
8

डाॅं., अर्चना षर्मा. "वैष्वीकरण का चित्रकला पर प्रभाव". International Journal of Research - GRANTHAALAYAH Composition of Colours, December,2014 (2017): 1–2. https://doi.org/10.5281/zenodo.890555.

Full text
Abstract:
किसी भी देष के विकास में कला का महत्वपुर्ण या ेगदान होता ह ै। कला को सा ेन्दर्य अथवा समृद्वि को साकार करने का माध्यम माना गया ह ै। वास्तुकला, मूर्ति कला, चित्रकला तथा संगीत का े ललित कला के अन्तर्गत माना गया ह ै। चित्रकला हो या कविता दोना े ही मनुष्य की आंतरिक भावनाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम ह ै। चित्रकला में आज ऐसा संभव ह ै कि रंग का अर्थ न निकले फिर भी वह सीधे मन तक पहुॅच कर रसानुभूति करा सकता ह ै। कला का े सत्य की अनुभूति की अनुक्रति कहा गया ह ै। चित्रा े में रूपो के संया ेजन से नेत्रा े का े तृप्ति मिलती ह ै। आ ंखो के माध्यम से दर्ष क के मन में विभिन्न भावो से रसा ेदे्रक होता ह ै।
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
9

श्रुति, कक्कर. "लौकिक संस्कृत साहित्य में सौन्दर्य शास्त्रीय चिन्तन का स्वरूप". International Journal of Research - Granthaalayah 7, № 11(SE) (2019): 268–73. https://doi.org/10.5281/zenodo.3592644.

Full text
Abstract:
रामायण में कला के लिए &#39;&#39;शिल्प&#39;&#39; शब्द का प्रयोग हुआ है तथा उसका अर्थ ललित कलाओं से लिया गया है। इस समय कला को अत्यन्त पवित्र स्थान प्राप्त था वह केवल मनोरंजन के साधन के रूप में प्रयुक्त नहीं होती थी। बालकाण्ड के छठे सर्ग में वाल्मिकी ने अयोध्या के नागरिकों का जो वर्णन किया है उससे पता चल जाता है कि वह कितने सुसंस्कृत, कलाभिज्ञ, सौन्दर्यप्रिय एवं सहृदय नर-नारी थे।उस समय के इस कला प्रवण सौन्दर्य-प्रिय समाज के प्रभाव से राम भी अछूते नहीं रह गये थे क्योंकि एक प्रसंग में महामुनि ने राम को वैहारिकाणां शिल्पानां ज्ञाता कहा है अर्थात्&zwnj; राम को मनोरंजन के प्रयोग में आने वाली संगीत, व
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
10

दाहाल Dahal, कमला Kamala. "कर्णाली प्रदेशको मध्यकालीन खसराज्य र विद्याको अवस्था Karnali Pradeshko Madhyakalin Khasrajya ra Biddhyako Awastha". Tribhuvan University Journal 29, № 1 (2016): 249–58. http://dx.doi.org/10.3126/tuj.v29i1.25993.

Full text
Abstract:
कर्णाली प्रदेशमा खस मल्लहरूले तीनसय वर्षजतिको समय शासन गर्दा सो क्षेत्रले नेपालको इतिहासमा महत्वपूर्ण स्थान हासिल गरेको थियो । त्यस युगमा उक्तक्षेत्रमा कला, वास्तुकला, भाषा साहित्य तथा धर्म संस्कृति एवं राजनीतिका क्षेत्रमा महत्वपूर्ण उपलब्धिहरू पनि हासिल भएका थिए । भोटको पश्चिमी प्रदेश गुँगेदेखि लिएर कुमाउँ गढवालका साथै तत्कालीन काठमाडौँ उपत्यका जस्तो शक्तिशाली राज्यसँग समेत टक्कर लिएर बसेको यस राज्यले विविध क्षेत्रमा निकै उन्नति गरेको थियो । कर्णाली प्रदेशमा सो समयमा विद्याको उन्नति पनि निकै नै भएको थियो । सो क्षेत्रका शासकहरू आफै शिक्षित थिए । राजाहरूले समेत केही पुस्तकहरू तयार पारेका थिए ।
APA, Harvard, Vancouver, ISO, and other styles
More sources
We offer discounts on all premium plans for authors whose works are included in thematic literature selections. Contact us to get a unique promo code!